क्या बॉम्बे हाईकोर्ट ने कबूतरों को दाना डालने पर रोक लगाई?

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क्या बॉम्बे हाईकोर्ट ने कबूतरों को दाना डालने पर रोक लगाई?

सारांश

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी द्वारा कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध को बरकरार रखा है। क्या यह निर्णय सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है? जानिए पूरी खबर में।

Key Takeaways

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने दाना डालने पर रोक लगाई है।
  • बीएमसी को कानूनी प्रक्रिया का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी गई है।

मुंबई, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा कबूतरों को दाना डालने पर लगाए गए प्रतिबंध को बनाए रखा है। कोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाते हुए कहा कि वह मनमाने ढंग से निर्णय नहीं बदल सकती।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध का आदेश उस समय दिया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम भेजने का निर्णय सुनाया था।

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर बीएमसी के वकील रामचंद्र आप्टे ने कहा, "कोर्ट ने एक विशेष समिति नियुक्त की है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं की जांच करेगी। समिति अपनी सिफारिशें तैयार करेगी और इन्हें सौंपने के बाद कोर्ट इन सिफारिशों के आधार पर अंतिम फैसला लेगी।"

याचिकाकर्ता के वकील हरीश जे. पांड्या ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर कहा, "कबूतरों को दाना डालने वालों को अस्थायी आधार पर बीएमसी से अनुमति के लिए आवेदन करने की मंजूरी दी गई थी। दो अलग-अलग याचिकाकर्ताओं ने आवेदन जमा किए। समय सीमा नहीं बताई गई है। बीएमसी के वकील ने बताया कि उन्हें एक आवेदन प्राप्त हुआ, लेकिन दूसरा नहीं मिला। उन्होंने अनुरोध किया कि बीएमसी के वकीलों को गुरुवार तक इन आवेदनों की प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं।"

सुनवाई के दौरान बीएमसी ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि वह सुबह 6 से 8 बजे के बीच कुछ शर्तों के साथ कबूतरों को दाना डालने की अनुमति देने को तैयार है। इस पर कोर्ट ने सवाल उठाया कि जब पहले सार्वजनिक हित में प्रतिबंध लगाया गया था, तो अब एक व्यक्ति की बात पर फैसला कैसे बदला जा सकता है।

कोर्ट ने बीएमसी को निर्देश दिया कि फैसला बदलने से पहले कानूनी प्रक्रिया का पालन करें, सार्वजनिक नोटिस जारी करें और सभी हितधारकों, विशेषकर नागरिकों से सुझाव लें।

कोर्ट ने यह भी कहा, "पालिका सीधे फैसला नहीं ले सकती। सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर विचार करना होगा।"

Point of View

यह कहना उचित है कि न्यायालय का यह निर्णय न केवल कबूतरों के लिए, बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह निर्णय सही दिशा में एक कदम है, जो नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य की दिशा में अग्रसर है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कबूतरों को दाना डालने पर रोक क्यों लगाई?
बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में निर्णय लिया है।
क्या बीएमसी को कबूतरों को दाना डालने की अनुमति है?
बीएमसी को कुछ शर्तों के साथ कबूतरों को दाना डालने की अनुमति देने की तैयारी है।