क्या झारखंड के चाईबासा में नक्सलियों की साजिश नाकाम हुई?

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क्या झारखंड के चाईबासा में नक्सलियों की साजिश नाकाम हुई?

सारांश

झारखंड के चाईबासा में नक्सलियों की एक खतरनाक योजना को सुरक्षा बलों ने सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। इस अभियान में 14 आईईडी और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। जानिए इस अभियान की पूरी कहानी और नक्सलियों की रणनीतियों से पुलिस की तैयारियों के बारे में।

Key Takeaways

  • 14 आईईडी बरामद किए गए हैं।
  • विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल होने वाला 52 किलोग्राम सफेद पाउडर जब्त किया गया।
  • नक्सली नेता मिसिर बेसरा और अन्य सक्रिय हैं।
  • सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान चलाया।
  • इस अभियान से स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा बढ़ी है।

चाईबासा, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) में सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की माओवादी नक्सलियों की एक महत्वपूर्ण साजिश को नाकाम किया गया है। झारखंड पुलिस और अर्धसैनिक बलों के संयुक्त अभियान में जिले के टोकलो थाना क्षेत्र के चितपिल जंगल से 14 शक्तिशाली इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बरामद किए गए हैं।

इसके साथ ही, विस्फोटक बनाने में उपयोग होने वाला 52 किलोग्राम सफेद पाउडर भी जब्त किया गया है। चाईबासा के पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने बुधवार को मीडिया को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि उन्हें टोकलो थाना क्षेत्र में नक्सलियों के दस्ते की सक्रियता की गुप्त सूचना मिली थी। इस पर उन्होंने चक्रधरपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सह सहायक पुलिस अधीक्षक शिवम प्रकाश के नेतृत्व में टीम गठित की, जिसमें पुलिस और सीआरपीएफ 60वीं बटालियन के जवान शामिल थे।

इस टीम ने 17 जून को चितपिल के जंगल में बनाए गए नक्सली डंप पर धावा बोलकर विस्फोटकों की बरामदगी कर ली। सभी विस्फोटकों को मौके पर ही बम निरोधक दस्ते की मदद से निष्क्रिय कर नष्ट किया गया।

इस मामले में टोकलो थाना कांड संख्या 15/25 के तहत बीएनएस की धाराएं 191(2)/191(3)/190/132/61(2), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4/5 और सीएलए एक्ट की धारा 17 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

झारखंड पुलिस के अनुसार, नक्सली नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन, पिंटु लोहरा, चंदन लोहरा, अमित हांसदा उर्फ अपटन, जयकांत और रापा मुंडा अपने दस्ते सदस्यों के साथ सारंडा और कोल्हान क्षेत्र में सक्रिय हैं और विध्वंसक योजनाओं को अंजाम देने की फिराक में हैं।

इसी को देखते हुए राज्य पुलिस, कोबरा, सीआरपीएफ और झारखंड जगुआर की संयुक्त टीमें लगातार अभियान चला रही हैं। पिछले 14 जून को झारखंड से सटे ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में झारखंड और ओडिशा पुलिस के संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान के दौरान आईईडी विस्फोट की चपेट में आकर सीआरपीएफ जवान सत्यवान कुमार सिंह शहीद हो गए थे।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम नक्सलियों के खतरे को गंभीरता से लें। झारखंड की पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सक्रियता से यह स्पष्ट है कि वे अपने लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस प्रकार के अभियानों से न केवल स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा बढ़ती है, बल्कि यह नक्सलियों के मनोबल को भी तोड़ता है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

नक्सलियों के खिलाफ यह अभियान कब शुरू हुआ?
यह अभियान 17 जून को चितपिल के जंगल में शुरू हुआ।
इस अभियान में कितने आईईडी बरामद हुए?
इस अभियान में 14 आईईडी बरामद किए गए।
क्या इस अभियान में कोई शहीद हुआ?
हाँ, 14 जून को ओडिशा में एक सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।