क्या देहरादून में पेपर लीक मामले पर कांग्रेस का प्रदर्शन बयां करता है बेरोजगारी की सच्चाई?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस का प्रदर्शन बेरोजगारी के मुद्दे को उजागर करता है।
- हरीश रावत ने सरकार पर आरोप लगाए कि वह समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है।
- उत्तरकाशी में पत्रकार राजीव की संदिग्ध मौत पर सरकार से जवाबदेही की मांग।
देहरादून, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) में पेपर लीक के मामले को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रदेश की धामी सरकार पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, और वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह समेत कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि इस मामले में सीबीआई की जांच अब तक नहीं हुई है। आयोग खुद यह कह रहा है कि कुछ हुआ ही नहीं। हालांकि, इतना जरूर हुआ है कि एक परीक्षा जो आयोजित होने वाली थी, उसे स्थगित कर दिया गया है। यह सिर्फ पेपर लीक का मामला नहीं है, बल्कि बढ़ते भ्रष्टाचार और चरम पर पहुंची बेरोजगारी का भी है। जनता, विशेषकर युवाओं में आक्रोश है और इस आक्रोश को व्यक्त करने के लिए हम सब यहां इकट्ठा हुए हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा रोजगार देने के दावों को झूठा बताते हुए हरीश रावत ने व्यंग्य करते हुए कहा कि यहां के लोगों को रोजगार नहीं दिया गया है। शायद सरकार ने किसी और ग्रह पर रोजगार दिया होगा। उत्तराखंड में बेरोजगारी अपने चरम पर है। देश में सबसे अधिक बेरोजगारी की दर यहीं है।
इसके अलावा, उत्तरकाशी में पत्रकार राजीव की संदिग्ध मौत पर भी पूर्व सीएम ने सरकार से सवाल उठाए। हरीश रावत ने कहा कि एक मां-बाप का बेटा छीना गया है, एक बेटी का सिंदूर मिटा है। राजीव निर्भीक पत्रकार थे। जांच शुरू होने से पहले ही मामले को दुर्घटना घोषित कर दिया गया। सरकार को हर जांच करनी चाहिए, जिसकी मांग पत्रकार का परिवार कर रहा है। आखिरकार, एक इंसान की जान गई है।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार बेरोजगारी, भर्ती घोटाले और भ्रष्टाचार के मामलों पर केवल लीपापोती कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की असंवेदनशीलता और उदासीन रवैये के खिलाफ कांग्रेस का संघर्ष सड़क से लेकर विधानसभा तक जारी रहेगा।