क्या लगातार हार झेलने के बाद कुंठित हो चुकी हैं कांग्रेस: चिराग पासवान?
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस की हार से प्रियंका गांधी कुंठित हैं।
- चिराग पासवान ने 'वोट चोरी' के मुद्दे पर सवाल उठाए।
- चुनाव आयोग पर आरोप लगाने की प्रवृत्ति।
- चुनाव में एसआईआर की आवश्यकता पर बल।
- बिहार में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ेगा।
पटना, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की लगातार हार के कारण वो कुंठित हो चुकी हैं। इसीलिए वे ऊलजलूल बयान दे रही हैं।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा अपनी हार को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं। वे इस बात को नहीं समझ पा रही हैं कि उनकी पार्टी कैसे हाशिये पर खड़ी है। पहले इन लोगों ने राजनीतिक स्थिति को अपने अनुकूल करने के लिए ईवीएम का मुद्दा उठाया था, लेकिन अब कोई भी ईवीएम का मुद्दा नहीं उठा रहा। अब कांग्रेस नया मुद्दा 'वोट चोरी' लेकर आई है। मेरा सीधा सवाल है कि अगर 'वोट चोरी' हुई है तो आप लोग कोर्ट का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाते? जाकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाइए।
उन्होंने कहा कि आप लोग वोट चोरी के मुद्दे को लेकर प्रेस के सामने ड्रामेबाजी करेंगे। बिहार में आकर होहल्ला करेंगे, लेकिन जब बात आधिकारिक तौर पर शिकायत करने की आएगी तो आप खामोश हो जाएंगे। मेरा सवाल है कि आखिर यह कहां तक उचित है। अगर आपको वोट चोरी से कोई दिक्कत है तो मेरा सीधा सा कहना है कि सुप्रीम कोर्ट जाइए, चुनाव आयोग जाइए और वहां पर शिकायत कीजिए, लेकिन दुख की बात है कि आप लोग ऐसा बिल्कुल भी नहीं कर पा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि अब विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर कांग्रेस के लोग होहल्ला कर रहे हैं। इस संबंध में भी मेरा सवाल है कि आखिर अन्य विपक्षी दल इसे लेकर क्यों नहीं कुछ बोल रहे हैं। आखिर क्यों राजद अब इस मुद्दे पर खामोश हो चुकी है। वजह साफ है, क्योंकि अब ये लोग भी समझ चुके हैं कि एसआईआर मौजूदा लोकतांत्रिक व्यवस्था में नितांत आवश्यक है, ताकि पात्र मतदाताओं को चिन्हित किया जा सके।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस को हरियाणा की तरह ही बिहार में भी हार का मुंह देखना होगा। हालांकि, हरियाणा में कांग्रेस ने अपनी जीत का झंडा बुलंद करने के लिए पूरे दांव-पेंच चल दिए थे, लेकिन वहां पर भी कांग्रेस की दाल नहीं गली। ठीक उसी प्रकार से कांग्रेस को बिहार में भी हार का मुंह देखना होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सबसे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि चुनावी मैदान में हार का मुंह देखने के बाद वे चुनाव आयोग पर ठीकरा फोड़ने लगते हैं।