क्या गाजियाबाद का एमबीबीएस छात्र तेहरान में फंसा है? परिजनों ने मोदी से मदद मांगी

सारांश
Key Takeaways
- रेहान अंसारी ने तेहरान में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की थी।
- तेहरान में हवाई हमले छात्रों के लिए खतरा बन गए हैं।
- परिजनों ने प्रधानमंत्री मोदी से मदद की गुहार लगाई है।
- रेहान की सुरक्षा को लेकर परिवार चिंतित है।
- मिसाइलों के हमले ने कई इमारतों को नष्ट किया है।
गाजियाबाद, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल और ईरान के बीच जारी हवाई हमलों ने भारत में कई परिवारों की चिंता बढ़ा दी है। गाजियाबाद के निवासी रेहान अंसारी का परिवार भी इस संकट का सामना कर रहा है। वह तेहरान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। उनके परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी सुरक्षा की गुहार लगाई है।
ईरान और इजरायल के बीच बिछी युद्ध की खाई में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र के बेहटा हाजीपुर निवासी रेहान अंसारी फंस गए हैं। वह तेहरान की एक यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं और हॉस्टल में निवास करते हैं। इजरायल की एक मिसाइल ने हॉस्टल की इमारत को नष्ट कर दिया, लेकिन सौभाग्य से रेहान और उसके साथी उस समय होटल में खाना खाने गए थे। इसके बाद रेहान ने अपने परिवार को फोन कर स्थिति की जानकारी दी। अब उनका परिवार बेटे को सुरक्षित भारत वापस लाने की गुहार कर रहा है।
रेहान की मां ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "रविवार शाम को मेरे बेटे से बात हुई। वह होटल में खाना खाने गया था, और जब वापस आया, तो देखा कि जिस इमारत में वह रहता था, वह पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। उसका सारा सामान मलबे में दब गया है।" उन्होंने बताया कि उनका बेटा पहली नवंबर को एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए तेहरान गया था। उनका सपना है कि वह एक डॉक्टर बनकर भारत की सेवा करें, लेकिन वह वर्तमान में युद्ध में फंसे हुए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि उनके बच्चे को सुरक्षित भारत वापस लाया जाए।
छात्र के पिता मोहम्मद अली ने बताया कि फोन पर बात करते समय बेटे ने कहा, "पापा, यहाँ पर एक के बाद एक मिसाइल गिर रही हैं, मुझे बहुत डर लग रहा है।" उसने यह भी बताया कि हमले में कई लोग मारे गए हैं, गाड़ियों में आग लगी है और इमारतें मलबे में तब्दील हो गई हैं।
छात्र के मामा गुलाम अब्बास ने कहा कि इजरायल के हमले का जिक्र करते हुए बच्चे ने कहा, "मामा, यहाँ पर मिसाइलों की बौछार हो रही है। पहले तो हम लोग घबरा गए, लेकिन मैंने उसे हिम्मत रखने के लिए कहा। वह मकान से नहीं निकल रहा था, उसे खाना खाए भी कई दिन हो गए थे। घर वालों के कहने पर वह होटल में गया, वहाँ से लौटने पर देखा कि उसकी इमारत मलबे में बदल गई है। उसके बाद से उससे संपर्क नहीं हो सका है।