क्या झारखंड सरकार ने उच्च न्यायालय के लिए घटिया सुरक्षा उपकरण खरीदे?

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क्या झारखंड सरकार ने उच्च न्यायालय के लिए घटिया सुरक्षा उपकरण खरीदे?

सारांश

भाजपा ने झारखंड सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने उच्च न्यायालय की सुरक्षा के लिए घटिया उपकरण खरीदे हैं। इन उपकरणों ने सुरक्षा टेस्ट में फेल होकर गंभीर सवाल उठाए हैं। क्या यह न्यायपालिका की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है?

Key Takeaways

  • झारखंड सरकार पर उच्च न्यायालय की सुरक्षा के लिए घटिया उपकरण खरीदने का आरोप
  • उपकरणों की खरीदारी में टेंडर प्रक्रिया का उल्लंघन
  • तीन में से चार उपकरण सुरक्षा टेस्ट में फेल
  • भाजपा ने मुख्यमंत्री से कड़े कदम उठाने की मांग की
  • राज्य सरकार पर कार्रवाई न करने का आरोप

रांची, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर उच्च न्यायालय की सुरक्षा के लिए उपकरणों की खरीदारी में घोटाले का आरोप लगाया।

भाजपा प्रदेश इकाई के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार ने उच्च न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बिना टेंडर के उपकरणों की खरीदारी की। उन्होंने यह भी बताया कि ज्यादातर उपकरण सुरक्षा टेस्ट में फेल हो गए।

प्रतुल ने कहा कि भारी कीमत पर उपकरणों की खरीदारी करने से पहले उनकी जांच नहीं की गई। खरीदारी के बाद स्पेशल ब्रांच के डीआईजी की अध्यक्षता में एक तकनीकी टीम का गठन किया गया, जिसने 18 जून 2024 को अपनी रिपोर्ट सौंपी। भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि इस रिपोर्ट के अनुसार खरीदे गए चार उपकरणों में से तीन उपकरण टेस्ट में फेल हो गए।

रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जमीन के अंदर गाड़े गए डेटोनेटर को डिटेक्ट करने वाला डीप सर्च माइन मेटल डिटेक्टर बेकार पाया गया। यह उपकरण जमीन के अंदर आईईडी और बम को डिटेक्ट नहीं कर पाया। इसी प्रकार “अंडर व्हीकल सर्च मिरर”, जिससे शीशे के जरिए गाड़ी की चेसिस के नीचे लगे बम की जांच होती है, उसे भी बेकार पाया गया। यह उपकरण भी गाड़ी के नीचे आईईडी और बम को डिटेक्ट नहीं कर पाया।

प्रतुल ने कहा कि हाई एक्सप्लोसिव टीएनटी को डिटेक्ट करने वाला एक्सप्लोसिव वेपर डिटेक्टर भी पूरी तरह से रिपोर्ट में गड़बड़ पाया गया और यह कुछ भी डिटेक्ट नहीं कर पाया। इस रिपोर्ट को हल्के में नहीं लिया जा सकता। यह राज्य में न्यायपालिका की सर्वोच्च संस्था की सुरक्षा के साथ कहीं ना कहीं खिलवाड़ है। यह मामला जून 2024 में प्रकाश में आया, लेकिन राज्य सरकार एक वर्ष से इसे दबाकर बैठी है। अभी तक संबंधित कंपनी और अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

प्रतुल ने मुख्यमंत्री से मांग की कि वह उच्च न्यायालय की सुरक्षा के लिए अविलंब कड़े कदम उठाएं। अगर आवश्यकता पड़ी तो केंद्रीय गृह मंत्रालय या संबंधित केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी से संपर्क कर उच्च न्यायालय में अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण लगाएं।

प्रेस वार्ता में भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह भी उपस्थित रहे।

Point of View

NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

भाजपा ने झारखंड सरकार पर क्या आरोप लगाया?
भाजपा ने आरोप लगाया है कि झारखंड सरकार ने उच्च न्यायालय की सुरक्षा के लिए घटिया उपकरण खरीदे हैं।
उपकरणों की खरीदारी के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई थी?
भाजपा का कहना है कि उपकरणों की खरीदारी बिना टेंडर के की गई थी।
क्या उपकरण सुरक्षा टेस्ट में फेल हुए?
हां, रिपोर्ट के अनुसार, खरीदे गए चार उपकरणों में से तीन सुरक्षा टेस्ट में फेल हो गए।
सरकार ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं?
अभी तक संबंधित कंपनी और अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
क्या मुख्यमंत्री को कोई कदम उठाना चाहिए?
भाजपा ने मुख्यमंत्री से उच्च न्यायालय की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है।