क्या हम अमेरिका के दोहरे रवैये की निंदा नहीं करें?

सारांश
Key Takeaways
- दोहरी नीति: अमेरिका की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संदेह।
- पाकिस्तान का समर्थन: अमेरिका द्वारा आतंकवादियों को संरक्षण देना।
- भारत-पाक विवाद: अमेरिका का हस्तक्षेप चिंता का विषय।
- प्रधानमंत्री का बयान: भारत की संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए।
- मुनीर की यात्रा: आतंकवादी हमले के बाद पहली अमेरिका यात्रा।
नई दिल्ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की मेज़बानी करेंगे। इस महत्वपूर्ण मुलाकात पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने अपने विचार रखे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि हम अमेरिका के दोहरे रवैये की निंदा करते हैं।
केसी त्यागी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "हम अमेरिका के दोहरे रवैये की निंदा करते हैं। एक तरफ वह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक अभियान चलाता है और दूसरी तरफ भारतीय उपमहाद्वीप में सक्रिय आतंकवादियों को संरक्षण देता है।"
उन्होंने पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई फोन कॉल के संबंध में कहा, "प्रधानमंत्री के बयान के बाद भारत-पाकिस्तान विवाद में अमेरिका या किसी अन्य देश की ओर से किसी भी प्रकार की हस्तक्षेप की अफवाहों और चर्चाओं पर विराम लग जाना चाहिए। यह चिंताजनक है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री के बजाय अमेरिका के राष्ट्रपति के बयान पर भरोसा किया जा रहा है। इसे मैं अशोभनीय मानता हूँ।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मेज़बानी में यह बैठक व्हाइट हाउस के कैबिनेट रूम में स्थानीय समयानुसार दोपहर 1:00 बजे आयोजित की जाएगी।
इस बैठक की सूचना उस समय आई है जब व्हाइट हाउस ने मुनीर को 14 जून को आयोजित अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ समारोह में आमंत्रित करने की बात से इनकार किया था, जो परेड में उनकी उपस्थिति के पहले के दावों को खंडित करता है।
पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन के अनुसार, मुनीर रविवार को वाशिंगटन पहुंचे हैं और उनकी पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ से भी मिलने की उम्मीद है।
यह मुनीर की पहली आधिकारिक अमेरिका यात्रा है जो जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद हो रही है।