क्या इजरायल को आतंकी देश घोषित किया जाए? : मौलाना शहाबुद्दीन रजवी

Click to start listening
क्या इजरायल को आतंकी देश घोषित किया जाए? : मौलाना शहाबुद्दीन रजवी

सारांश

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इजरायल को आतंकी देश घोषित करने की मांग की है, यह कहते हुए कि इजरायल का इतिहास मुसलमानों के खिलाफ जुल्म से भरा है। इस लेख में उनका दृष्टिकोण और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर विचार प्रस्तुत किया गया है।

Key Takeaways

  • इजरायल का इतिहास मुसलमानों के खिलाफ जुल्म से भरा है।
  • भारत को शांति की पैरवी करनी चाहिए।
  • सऊदी अरब और ईरान के बीच रिश्ते सुधर रहे हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की हैसियत सवालों के घेरे में है।
  • इस्लाम को पहले कभी खतरा नहीं हुआ है।

बरेली, 14 जून (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव पर शनिवार को कहा कि इस पूरी जंग में सबसे अधिक आतंक और तशद्दुद फैलाने वाला देश अगर कोई है, तो वह इजरायल है। मौलाना ने इजरायल को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकी देश घोषित करने की मांग की।

रजवी ने कहा कि इजरायल का इतिहास मुसलमानों के खिलाफ जुल्म और ज्यादती से भरा पड़ा है। फिलिस्तीन पर इजरायली हमलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज वही यहूदी, जिन्हें फिलिस्तीन के मुसलमानों ने हिटलर के ज़ुल्म से बचाकर शरण दी थी, आज उन्हीं के घरों पर बम बरसा रहे हैं। बच्चों, औरतों और बूढ़ों का कत्लेआम हो रहा है, दुनिया यह सब देख रही है और खामोश है।

इतिहास का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस्लाम की टकराहट न कभी हिंदुओं से रही है, न बौद्धों से और न ही किसी और मजहब से। इस्लाम की जंग हमेशा यहूदी और ईसाई ताकतों से रही है। आज भी वही दुश्मनी जिंदा है। लेकिन, इस्लाम को न पहले कभी खतरा हुआ था, न आज है।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस्लाम उस वक्त भी जिंदा था, जब इजरायल का वजूद नहीं था। इस्लाम की ताकत को कभी कोई कुचल नहीं सका, न चंगेज खान, न कोई और। इस्लाम एक ताकत है जिसे पूरी दुनिया ने कबूल किया है।

भारत की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत के ईरान, इजरायल और फिलिस्तीन तीनों से दोस्ताना रिश्ते रहे हैं, इसलिए भारत को किसी एक पक्ष में नहीं जाना चाहिए। भारत को चाहिए कि वह न ईरान का साथ दे और न इजरायल का, बल्कि शांति की पैरवी करे।

सऊदी अरब और ईरान के संबंधों को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले 12 वर्षों से दोनों देशों के बीच तनाव था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। एक ईरानी शिया आलिम की गिरफ्तारी के बाद तनाव शुरू हुआ था, लेकिन सऊदी ने उन्हें रिहा कर दिया। अब दोनों देशों के बीच सिफारती रिश्ते बहाल हो चुके हैं। ईरानी विदेश मंत्री सऊदी गए और सऊदी के मंत्री ईरान गए। मक्का में हज के दौरान ईरानी हाजियों के लिए बेहतरीन इंतजाम किए गए। यह इस बात का संकेत है कि सऊदी अरब आने वाले समय में ईरान का साथ देगा।

इजरायल के खिलाफ कार्रवाई को लेकर मौलाना ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई जरूरी है। यूएनओ ने कई प्रस्ताव पास किए, इंटरनेशनल कोर्ट ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। इससे साफ है कि अब अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की हैसियत खत्म होती जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कानून, प्रस्ताव और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का अस्तित्व नेतन्याहू के सामने बेमानी साबित हो रहा है, तो क्या दुनिया को चुप रहना चाहिए?

Point of View

हमें यह समझना होगा कि मौलाना रजवी की बातें केवल एक दृष्टिकोण हैं। हमें सभी पक्षों की आवाज़ को सुनना चाहिए और एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। भारत को अपने ऐतिहासिक और राजनीतिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए एक संतुलित नीति अपनानी चाहिए।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी कौन हैं?
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
इजरायल को आतंकी देश क्यों कहा गया?
उन्होंने कहा कि इजरायल का इतिहास मुसलमानों के खिलाफ जुल्म से भरा है।
भारत को इस विवाद में क्या भूमिका निभानी चाहिए?
भारत को शांति की पैरवी करते हुए किसी एक पक्ष का समर्थन नहीं करना चाहिए।