क्या लालू यादव को बाबासाहेब के प्रति संवेदनशील होना चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- लालू यादव का स्वास्थ्य गंभीर है।
- बाबासाहेब अंबेडकर के प्रति संवेदनशीलता आवश्यक है।
- राजनीतिक बयानबाजी में संवेदनशीलता महत्वपूर्ण है।
- अखिलेश यादव पर उठाए गए सवालों का गंभीरता से जवाब जरूरी है।
- आज की राजनीति में सकारात्मकता की आवश्यकता है।
पटना, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के जन्मदिन पर संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर को पैर के पास रखने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस संदर्भ में बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि लालू यादव को बाबासाहेब के प्रति अधिक संवेदनशील होना चाहिए।
पटना में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, "लालू यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वे किडनी ट्रांसप्लांट के बाद हैं। उनके स्टाफ को चाहिए कि वे उन्हें इस प्रकार की चीजों से अलग रखें। उनके जन्मदिन पर कोई उन्हें फूल दे रहा है, तो कोई चित्र, इसे अलग रखना चाहिए। इस बात पर लालू यादव को ध्यान देना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "जिस बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के सामाजिक न्याय के सिद्धांत पर लालू यादव ने लंबे समय तक शासन किया, उन्हें उनके प्रति थोड़ा संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। साथ ही, स्टाफ को भी इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।"
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के पहलगाम घटना और ऑपरेशन सिंदूर पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कुछ लोग आधे भरे गिलास को देखते हैं, जबकि कुछ लोग खाली। जिन लोगों की सोच हमेशा नकारात्मक होती है, वे सकारात्मकता नहीं देख पाते।
उन्होंने कहा कि पहले जब अखिलेश जिस सरकार का समर्थन कर रहे थे, तब भी आतंकवादी घटनाएं हुई थीं। तब उन्होंने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? उस समय पार्लियामेंट पर हमले का क्या हुआ? बड़ी-बड़ी आतंकवादी घटनाएं हुई थीं। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं। अब लोग सवाल कर रहे हैं कि सीजफायर क्यों हुआ? आज हम चौथी अर्थव्यवस्था हैं, अगर लड़ाई होती तो हमारी स्थिति खराब हो जाती। हमें जो दिखाना था, वह हमने दुनिया को दिखा दिया।