क्या मनोज झा को राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा देना चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- परिवारवाद और भ्रष्टाचार की राजनीति पर सवाल उठाया गया है।
- गौरव वल्लभ ने मनोज झा को इस्तीफा देने की सलाह दी है।
- राजनीतिक विवाद की जड़ें बिहार की राजनीति में हैं।
नई दिल्ली, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गौरव वल्लभ ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा पर तीखा हमला किया। उन्होंने मनोज के लेख की कड़ी निंदा की है, जिसके चलते भाजपा नेताओं ने विरोध जताया है।
गौरव वल्लभ ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा, "मैं मनोज झा को यह बताना चाहता हूं कि बिहार को परिवारवाद की राजनीति से मुक्ति चाहिए। हमें अराजकता और भ्रष्टाचार से भी आज़ादी चाहिए। बिहार को ऐसे लोगों से निजात चाहिए, जो अपने परिवार की महिलाओं की स्वतंत्रता को कुचलते हैं और चारा घोटाले जैसे मामलों में फंसे हुए हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि यदि मनोज झा उनके विचारों से सहमत हैं तो उन्हें तुरंत राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा देना चाहिए। वह उस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जो वंशवाद, परिवारवाद, और भ्रष्टाचार का प्रतीक है। यह वही पार्टी है, जो बाबा साहेब के चित्र का अपमान करती है, और यही पार्टी बिहार का राष्ट्रीय जनता दल है।
इससे पहले, भाजपा के वरिष्ठ नेता शहनवाज हुसैन ने भी मनोज झा के लेख पर फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा कि देश अब दुनिया की चौथी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। हम परमाणु संपन्न पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर मार रहे हैं। मनोज झा एक पढ़े-लिखे प्रोफेसर हैं, तो उन्हें किससे आज़ादी चाहिए?
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने 11 जून को अपना 78वां जन्मदिन मनाया। इस मौके पर एक पार्टी कार्यकर्ता ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लेकर लालू यादव के साथ तस्वीर खिंचवाने का प्रयास किया। वायरल वीडियो में अंबेडकर की तस्वीर लालू यादव के पैरों के पास थी। इस घटना के बाद मनोज झा ने एक लेख लिखा, जिसमें उन्होंने नए स्वतंत्रता आंदोलन की बात की है। इस लेख के बाद वे भी आलोचना के घेरे में आ गए हैं।