क्या 'वन नेशन, वन इलेक्शन' लोकतंत्र के लिए खतरा है? : अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग

सारांश
Key Takeaways
- 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का विचार देश के विकास में मदद कर सकता है।
- इससे धन और समय की बचत का अनुमान है।
- राजा वड़िंग ने भाजपा पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
- लोगतंत्र की मूल बातें खतरे में पड़ सकती हैं।
- समिति ने 47 राजनीतिक दलों से बात की है।
चंडीगढ़, 14 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार अब 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस विषय पर गठित संसदीय समिति ने शनिवार को चंडीगढ़ में पंजाब की राजनीतिक पार्टियों के साथ चर्चा की। बैठक में भाग लेने आए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भाजपा पर जोरदार हमला किया।
राजा वड़िंग ने कहा, "सरकार का दावा है कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' से देश के पैसे की बचत होगी। लेकिन यदि पैसे की बचत ही सरकार का उद्देश्य है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विमान पर लगभग 9000 करोड़ रुपए खर्च करने का क्या औचित्य है?"
उन्होंने बताया कि पंजाब में अगला विधानसभा चुनाव 2027 में होगा, जबकि लोकसभा चुनाव 2029 में हैं। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या पंजाब सरकार को भंग किया जाएगा या फिर 2029 के लोकसभा चुनाव में बदलाव किया जाएगा। यदि उपचुनाव की स्थिति उत्पन्न होती है, तो उसके लिए क्या योजना है। 'वन नेशन, वन इलेक्शन' लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि लोकतंत्र के अनुसार, चुने गए प्रतिनिधि को पांच साल तक पद पर रहना चाहिए। यदि बीच में चुनाव होते हैं, तो चुने गए प्रतिनिधियों का क्या होगा? जिला परिषद के चुनावों का क्या? ऐसे कई प्रश्न हैं जिनका उत्तर मौजूदा सांसदों के पास नहीं है। सरकार को आम जनता से इस मुद्दे पर राय लेनी चाहिए।
पंजाब भाजपा ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का समर्थन किया है। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी स्वर्ण सिंह ने कहा कि यह कदम देश के हित में है। अलग-अलग लोकसभा और विधानसभा चुनावों से समय और धन की बर्बादी होती है, जिससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं। यदि चुनाव एक बार में हो, तो पैसे और समय दोनों की बचत होगी। इससे विकास की गति तेज होगी और राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दलों को कोई नुकसान नहीं होगा।
इस प्रस्ताव का मसौदा पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया है, जिसने 47 राजनीतिक दलों से चर्चा की, जिसमें से 32 पार्टियों ने समर्थन दिया।