क्या मालेगांव ब्‍लास्‍ट मामले में एनआईए कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है?

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क्या मालेगांव ब्‍लास्‍ट मामले में एनआईए कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है?

सारांश

मालेगांव ब्लास्ट मामले में 17 साल बाद आया एनआईए कोर्ट का फैसला सभी आरोपियों को बरी करता है। महंत महादेव दास बाबाजी ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे संत समाज की जीत बताया। जानिए इस मामले में क्या कहा गया है और इसके पीछे की सच्चाई क्या है?

Key Takeaways

  • 17 साल बाद आया एनआईए कोर्ट का फैसला
  • सभी 7 आरोपियों को बरी किया गया
  • महंत महादेव दास बाबाजी ने फैसले का स्वागत किया
  • प्रज्ञा ठाकुर को षड्यंत्र के तहत फंसाया गया
  • संतों की जीत का प्रतीक

मुंबई, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मालेगांव ब्लास्ट मामले में 17 साल के बाद अदालत का निर्णय आया। एनआईए कोर्ट ने इस मामले में सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया। इस निर्णय से प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिरकर, सुधाकर धर द्विवेदी और समीर कुलकर्णी सभी को राहत मिली है। इस फैसले का महंत महादेव दास बाबाजी ने स्वागत किया।

महंत महादेव दास बाबाजी ने अदालत के इस निर्णय के बाद कहा कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर को षड्यंत्र के तहत फंसाया गया।

उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह एक बहुत हर्ष की बात है कि हमारी पूज्य संत प्रज्ञा ठाकुर को 17 साल बाद न्याय मिला है। लेकिन, यह दुर्भाग्य की बात है कि न्याय मिलने में इतना समय लगा। साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ षड्यंत्र हुआ, यह इस्लामिक मानसिकता के लोगों का सनातन पर हमला था। सनातन धर्म कभी आतंकवाद के साथ नहीं रहा है और न रहेगा। प्रज्ञा ठाकुर जैसी महान संत को फंसाने का प्रयास किया गया। मैं यह पूरे देश को बताना चाहता हूं कि यह प्रज्ञा ठाकुर की जीत नहीं है, यह सभी संतों की जीत है। इस निर्णय का मैं स्वागत करता हूं।

उन्होंने कहा कि देश को कांग्रेस का इतिहास पता है। प्रज्ञा ठाकुर को कांग्रेस के शासनकाल में जेल में डाल दिया गया था। वह कांग्रेस के आतंक की शिकार हुई महिला हैं। ऐसे कई साधु-संत हैं जो राजनीतिक तुष्टिकरण के कारण फंसाए जाते हैं। यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि जहां सनातन धर्म के साधु-संतों को आसान लक्ष्य समझा जाता है, उन्हें जेल में डाल दिया जाता है।

उन्होंने बताया कि शिरडी के साईं बाबा करोड़ों भक्तों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र हैं। भक्तों की इच्छा है कि यहां पर एक अखाड़े का निर्माण किया जाए। इसमें देशभर के 17 हजार साधु-संत शामिल होंगे जो लगातार शिरडी आते हैं और बाबा के मंदिर बनाए हैं। आने वाले कुंभ में यह अखाड़ा बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाएगा।

महामंडलेश्वर वृंदावन दास महाराज ने कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि इसके लिए संपूर्ण संत समाज न्यायालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल से धन्यवाद करता है। विपक्ष ने भगवा आतंकवाद कहकर संत समाज पर कलंक लगाया था। जो भी सनातन धर्म की छवि को नुकसान पहुंचाने का कार्य करेगा, उसे संत समाज कभी क्षमा नहीं करेगा।

वहीं, स्वामी सीताराम दास ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा और कई संतों को फंसाया गया था। इसमें तत्कालीन सरकार की संलिप्तता देखी गई थी। संत समाज के साथ अन्यायपूर्ण रवैया अपनाया गया था। उन्होंने कहा कि भगवा आतंकवाद कहने वालों का संत समाज पुरजोर विरोध करेगा। मैं प्रार्थना करता हूं कि ऐसे लोगों को भगवान सद्बुद्धि दे।

Point of View

इसमें राजनीति और धार्मिक भावना का भी खेल है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
NationPress
01/08/2025

Frequently Asked Questions

मालेगांव ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट का फैसला क्या है?
एनआईए कोर्ट ने सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है।
महंत महादेव दास बाबाजी का इस फैसले पर क्या कहना है?
उन्होंने इसे संतों की जीत बताया है और कहा कि प्रज्ञा ठाकुर को षड्यंत्र के तहत फंसाया गया।
कांग्रेस का इस मामले में क्या रोल था?
महंत महादेव दास ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर को कांग्रेस के शासनकाल में जेल में डाला गया।