क्या कांग्रेस का मुंह काला हुआ? साध्वी प्रज्ञा ने मालेगांव बम धमाके के फैसले पर दी प्रतिक्रिया

सारांश
Key Takeaways
- साध्वी प्रज्ञा ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- कोर्ट ने सभी सात आरोपियों को बरी किया है।
- मालेगांव बम धमाका एक संवेदनशील मामला है।
- साध्वी प्रज्ञा का बयान राजनीतिक विमर्श को प्रभावित कर सकता है।
- कांग्रेस का हिन्दू आतंकवाद से संबंध का आरोप है।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। 2008 के मालेगांव बम धमाके मामले में विशेष एनआईए अदालत द्वारा सभी सात आरोपियों को बरी किए जाने के बाद भाजपा की पूर्व सांसद और आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद को जन्म दिया और उसका मुंह आज काला हो गया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में साध्वी प्रज्ञा ने लिखा, "भगवा आतंकवाद और हिन्दू आतंकवाद के जन्मदाता कांग्रेस सहित सभी विधर्मियों का मुंह हुआ काला। भगवा, हिंदुत्व और सनातन की विजय पर समस्त सनातनियों और देशभक्तों का हुआ बोलबाला, बहुत-बहुत बधाई। जय हिंदूराष्ट्र, जय श्री राम।"
इस मामले में कोर्ट ने 31 जुलाई को जमानत पर रिहा साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि मोटरसाइकिल साध्वी प्रज्ञा की थी या लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने उसमें बम रखा था।
इससे पहले, 31 जुलाई को जब अदालत ने अपना फैसला सुनाया, तो साध्वी प्रज्ञा ठाकुर कोर्ट में फूट-फूटकर रो पड़ीं। उन्होंने जज से हाथ जोड़कर कहा, "मुझे 13 दिन तक सताया गया। मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी गई। 17 साल तक मेरा अपमान हुआ। मुझे अपने ही देश में आतंकवादी कहा गया।"
बरी होने पर अदालत का आभार जताते हुए उन्होंने कहा, "मैं उन लोगों के बारे में कुछ नहीं कह सकती जिन्होंने मुझे इस हाल में पहुंचाया। मैं एक संन्यासी होने के कारण ही जिंदा हूं। भगवा को आतंकवाद कहा गया था, लेकिन आज भगवा जीत गया। हिंदुत्व जीत गया। हिंदुत्व को आतंकवाद से जोड़ने वालों को कभी माफ नहीं किया जाएगा।"
मालेगांव विस्फोट 29 सितंबर, 2008 की शाम को हुआ था, जब महाराष्ट्र के नासिक जिले के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में भिक्कू चौक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बंधे बम में विस्फोट हुआ था। रमजान के दौरान और नवरात्रि से कुछ दिन पहले हुए इस हमले में छह लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।