क्या ममता बनर्जी के बयान से भाजपा ने दी चुनौती?
सारांश
Key Takeaways
- ममता बनर्जी ने महिलाओं को संगठित होने की अपील की।
- भाजपा सांसदों ने ममता के बयान पर पलटवार किया।
- राजनीतिक विवाद चुनावों में असर डाल सकता है।
नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में एसआईआर को लेकर चल रही खींचतान के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक बयान ने राजनीतिक विवाद को और बढ़ा दिया है। उन्होंने गुरुवार को महिलाओं को मतदाता सूची से नाम कटने पर लड़ने की अपील की। इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ममता बनर्जी डरी हुई हैं।
भाजपा सांसद अरुण गोविल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "धमकी वही लोग देते हैं, जो अंदर से कमजोर होते हैं।"
भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा कि ममता बनर्जी और विपक्षी दलों को जनता की समस्याओं का सही अंदाजा नहीं है। उन्हें जनता के असली मुद्दों पर बात करनी चाहिए, अन्यथा आगामी चुनावों में उन्हें सफाया झेलना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल की जनता ममता बनर्जी से नाराज है। आने वाले चुनाव में जनता उन्हें बाहर करेगी। ममता बनर्जी डरी हुई हैं। उनका डर इस बात से भी है कि एसआईआर और चुनाव सुधार को लेकर उनके लगाए गए आरोपों का संसद में खंडन किया गया।"
भाजपा सांसद राजकुमार चाहर ने सीएम ममता बनर्जी के बयान को अराजकता फैलाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि एसआईआर के कारण पश्चिम बंगाल में सफाई अभियान चलाया जाना है।
उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल में कई क्षेत्रों में रोहिंग्या और बांग्लादेश से आए लोगों ने बस्ती बना ली है। विदेशी नागरिकों ने भारत में अपने राशन कार्ड और आधार कार्ड बनाकर यहां के लोगों के हक पर कब्जा कर लिया है। ऐसे लोगों को पहचान कर देश से बाहर किया जाना चाहिए।"