क्या मुंबई में रिटायर्ड अधिकारी से 4.10 लाख की ठगी हुई?

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क्या मुंबई में रिटायर्ड अधिकारी से 4.10 लाख की ठगी हुई?

सारांश

मुंबई में एक रिटायर्ड अधिकारी के साथ हुई साइबर ठगी ने सभी को चौंका दिया है। एक रुपये भेजने के बहाने ठगों ने उनका मोबाइल हैक किया और 4.10 लाख रुपये उड़ा लिए। इस घटना ने सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाए हैं। पूरी जानकारी जानने के लिए पढ़ें।

Key Takeaways

  • साइबर ठगी
  • अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
  • किसी भी वित्तीय लेन-देन से पहले सतर्क रहें।
  • सुरक्षा उपायों को जानना महत्वपूर्ण है।
  • सामाजिक मीडिया पर साझा की गई जानकारी का ध्यान रखें।

मुंबई, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के साकीनाका क्षेत्र में एक साइबर ठगी का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी को प्रधानमंत्री पोर्टल (पीएम पोर्टल) पर सुझाव देने के चक्कर में भारी नुकसान उठाना पड़ा। ठगों ने चालाकी से एक रुपये भेजने के बहाने पीड़ित का मोबाइल हैक कर लिया और उसके खाते से 4.10 लाख रुपये निकाल लिए।

इस घटना की जांच के लिए साकीनाका पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पीड़ित राजकुमार राजेंद्र प्रसाद सक्सेना (71) जो कि नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन से रिटायर हुए हैं, मूल रूप से नई दिल्ली के निवासी हैं। वे अपनी पत्नी के साथ कुछ समय के लिए मुंबई में अपनी बेटी के घर ठहरे हुए थे।

पुलिस के अनुसार, 12 दिसंबर 2025 को सक्सेना ने अयोध्या में मेडिकल सुविधाओं में सुधार के बारे में अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट साझा की थी। बाद में, रिश्तेदारों की सलाह पर उन्होंने इस सुझाव को प्रधानमंत्री पोर्टल पर भी दिया। 16 दिसंबर 2025 को उनके मोबाइल पर एक संदेश आया जिसमें पीएम पोर्टल पर दिए गए सुझाव की पुष्टि के नाम पर एक लिंक भेजा गया, जिसमें एक रुपये की राशि ऑनलाइन भेजने का अनुरोध किया गया। यह लिंक सरकारी पोर्टल जैसा दिख रहा था।

जैसे ही सक्सेना ने उस लिंक पर क्लिक करके एक रुपये भेजा, उनके मोबाइल पर ओटीपी से संबंधित कई संदेश आने लगे। हालांकि, उन्होंने किसी भी व्यक्ति के साथ ओटीपी साझा नहीं किया। फिर भी, 17 दिसंबर 2025 को उनका मोबाइल अचानक कॉल के लिए बंद हो गया। इसी दौरान, उनके बैंक खाते से 11:29 बजे से 11:39 बजे के बीच तीन अलग-अलग ट्रांजैक्शन में कुल 4.10 लाख रुपये निकाल लिए गए। इसके बाद पीड़ित ने साकीनाका स्थित अपनी बैंक शाखा से संपर्क किया, जहां उन्हें कस्टमर डिस्प्यूट फॉर्म भरने को कहा गया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी गई। इसके बाद उन्होंने साकीनाका पुलिस थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई।

साकीनाका पुलिस ने मामला दर्ज कर साइबर ठगी और मोबाइल हैकिंग की जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि ठगों ने किस तकनीक का उपयोग करके मोबाइल हैक किया और रकम किन खातों में ट्रांसफर की गई। इसके साथ ही, पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और सरकारी पोर्टल के नाम पर मांगी गई किसी भी राशि या व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले उसकी आधिकारिक पुष्टि अवश्य करें।

Point of View

NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

साइबर ठगी क्या है?
साइबर ठगी एक प्रकार की धोखाधड़ी है जिसमें ठग इंटरनेट का उपयोग करके लोगों से पैसे निकालते हैं।
क्या मैं किसी अनजान लिंक पर क्लिक कर सकता हूँ?
नहीं, आपको किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए क्योंकि यह आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराने का प्रयास हो सकता है।
अगर मुझे ठगी का शिकार होना पड़े तो क्या करना चाहिए?
आपको तुरंत अपने बैंक से संपर्क करना चाहिए और पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
क्या सरकार इस प्रकार की ठगी से लोगों की सुरक्षा कर रही है?
सरकार साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कई अभियान चला रही है, लेकिन नागरिकों को भी सतर्क रहना चाहिए।
क्या मुझे अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करनी चाहिए?
आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी भी अनजान व्यक्ति या लिंक के साथ साझा नहीं करनी चाहिए।
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