क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अगली पीढ़ी के सुधारों की घोषणा की?

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क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अगली पीढ़ी के सुधारों की घोषणा की?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर एक प्रेरणादायक भाषण में सुधारों और आत्मनिर्भरता के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण साझा किया। यह भाषण छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने और टैक्स में बदलाव को लेकर महत्वपूर्ण योजनाएं प्रस्तुत करता है। जानें, क्या हैं ये सुधार और कैसे ये आम जनजीवन को प्रभावित करेंगे।

Key Takeaways

  • टैक्स दरों में बदलाव
  • स्टार्टअप्स और एमएसएमई को सशक्त करना
  • अनुपालन लागत में कमी
  • आधुनिक, नागरिक-केंद्रित इकोसिस्टम का निर्माण
  • जीएसटी में कमी का तोहफा

नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से अपने भाषण में सुधारों और आत्मनिर्भरता को प्राप्त करने के लिए एक व्यापक दृष्टि प्रस्तुत की, जिसमें टैक्स की दरों में बदलाव से लेकर छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने के महत्वपूर्ण सुधार शामिल हैं।

लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में, भारत ने सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, और अब आगे बढ़ने का सही समय है।

उन्होंने अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए एक टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की, जो सभी मौजूदा कानूनों, नियमों और प्रक्रियाओं का व्यापक मूल्यांकन करेगी।

यह टास्क फोर्स स्टार्टअप्स, एमएसएमई और उद्यमियों के लिए अनुपालन लागत को कम करने, मनमानी कानूनी कार्रवाई के भय से मुक्ति दिलाने और व्यापार करने में आसानी के लिए कानूनों को सरल बनाने का काम करेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार एक आधुनिक, कुशल और नागरिकों के अनुकूल इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां नियम और प्रक्रियाएं सरल हों और उद्यमिता को बढ़ावा मिले।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, सरकार ने सुधारों की एक ऐतिहासिक लहर चलाई है, जिसमें 40,000 से अधिक अनावश्यक अनुपालनों को समाप्त किया गया है और 1,500 से अधिक पुराने कानूनों को निरस्त किया गया है।

उन्होंने कहा कि हाल के सत्र में ही 280 से अधिक प्रावधानों को हटा दिया गया, जिससे शासन प्रणाली हर भारतीय के लिए अधिक सरल और सुलभ बन गई है। ये सुधार केवल आर्थिक नहीं हैं, बल्कि नागरिकों के दैनिक जीवन में बदलाव लाने के लिए भी हैं।

आयकर सुधारों और फेसलेस असेसमेंट सिस्टम ने प्रणाली को पारदर्शी और कुशल बनाया है। 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर शून्य कर का लाभ, जो कुछ साल पहले तक किसी ने सोचा भी नहीं था।

ये सुधार एक आधुनिक, नागरिक-केंद्रित सरकार का संकेत हैं जहां आम लोग सहजता, निष्पक्षता और सशक्तिकरण का अनुभव कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत संरचनात्मक, नियामक, नीतिगत और प्रक्रियागत सुधारों के प्रति प्रतिबद्ध है और एक ऐसा राष्ट्र बना रहा है जहां शासन जनता के लिए कार्य करता है।

उन्होंने कहा, "सरकार के सुधारों का उद्देश्य स्टार्टअप्स, एमएसएमई और उद्यमियों के लिए अनुपालन लागत को कम करना है, जिससे व्यावसायिक विकास के लिए बेहतर माहौल बने।"

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिवाली तक अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों को लागू करने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर कर कम करना है।

उन्होंने कहा, "सरकार अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लाएगी, जिससे आम आदमी पर कर का बोझ कम होगा। यह आपके लिए दिवाली का तोहफा होगा।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को अपनी प्रगति की रेखा का विस्तार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बढ़ते आर्थिक स्वार्थ की दुनिया में, भारत की क्षमताओं को मजबूत करने और नागरिकों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

Point of View

बल्कि नागरिकों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाएंगी।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी ने सुधारों का लक्ष्य क्या बताया?
उन्होंने कहा कि सुधारों का उद्देश्य स्टार्टअप्स, एमएसएमई और उद्यमियों के लिए अनुपालन लागत को कम करना और व्यापार में आसानी को बढ़ावा देना है।
क्या सुधारों से आम नागरिकों को लाभ होगा?
जी हाँ, ये सुधार नागरिकों के दैनिक जीवन को सरल बनाने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कब तक जीएसटी सुधारों को लागू करने का वादा किया?
उन्होंने इस दिवाली तक अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों को लागू करने की घोषणा की है।