क्या प्रयागराज के प्राचीन श्री मनकामेश्वर मंदिर में ड्रेस कोड लागू होगा?

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क्या प्रयागराज के प्राचीन श्री मनकामेश्वर मंदिर में ड्रेस कोड लागू होगा?

सारांश

प्रयागराज के श्री मनकामेश्वर मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय लिया गया है। अब महिलाएं केवल साड़ी या सलवार-सूट पहनेंगी और पुरुषों को धोती पहनकर पूजा करनी होगी। यह कदम धार्मिक परंपराओं के सम्मान में उठाया गया है। जानें इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में।

Key Takeaways

  • मंदिर में ड्रेस कोड लागू किया गया है।
  • महिलाओं को साड़ी या सलवार-सूट पहनना होगा।
  • पुरुषों के लिए धोती पहनना अनिवार्य है।
  • आधुनिक कपड़ों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
  • यह कदम धार्मिक परंपराओं के सम्मान में उठाया गया है।

प्रयागराज, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में प्राचीन श्री मनकामेश्वर मंदिर में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा, जिसके पालन के लिए मंदिर समिति ने ठोस कदम उठाए हैं। इस नियम के तहत पूजा के दौरान स्कर्ट, टॉप, जींस और पैंट पहनने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी।

सावन के महीने की शुरुआत के साथ यह नियम लागू होंगे। इसके तहत महिलाएं पूजा के समय केवल साड़ी या सलवार-सूट पहनेंगी, जबकि पुरुषों को धोती पहनकर पूजा करने की अनुमति होगी। आधुनिक कपड़ों जैसे जींस, पैंट और स्कर्ट को मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना के दौरान पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है।

मंदिर के पुजारी इस कदम का स्वागत कर रहे हैं और मानते हैं कि इससे धार्मिक और वैदिक परंपराओं का सम्मान और पालन होगा। श्री मनकामेश्वर मंदिर के महंत ब्रह्मचारी श्री धरानंद जी महाराज ने कहा कि सावन के महीने में लोगों को ड्रेस कोड अपनाने के लिए मंदिर समिति ने कहा है।

उन्होंने कहा, "जब रुद्राभिषेक होता है तो अक्सर देखा गया है कि लोग पैंट पहनकर और बेल्ट लगाकर बैठते हैं। लोग परंपरागत वस्त्र पहनना लगातार छोड़ते जा रहे हैं। कहीं न कहीं परंपराओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है। मंदिर समिति ने फैसला लिया है कि सावन के महीने में जो भी रुद्राभिषेक होंगे, उनमें पुरुषों को धोती पहनना अनिवार्य होगा। महिलाओं को साड़ी या सूट पहनना होगा। कटे-फटे या भद्दे कपड़ों पर पहले से ही रोक है, और इसके अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं।"

मंदिर में आने वाले श्रद्धालु इस पहल का स्वागत कर रहे हैं। एक श्रद्धालु ने कहा, 'यह बहुत अच्छी पहल है। आजकल देखते हैं कि कुछ भी पहनकर लोग मंदिर चले जाते हैं, लेकिन मंदिर में ड्रेस कोड से बड़ा अच्छा संदेश जाएगा।'

एक अन्य शख्स ने कहा, "यहां पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता पहनना अनिवार्य किया गया है, यह सही पहल है। आज के समय में यह बहुत जरूरी है। हम लोग धर्म स्थल पर आते हैं, यह कोई पिकनिक मनाने की जगह नहीं है।"

Point of View

जो धार्मिक परंपराओं के प्रति सम्मान दर्शाता है। यह पहल हमें यह याद दिलाती है कि पूजा स्थल पर उचित आचार-व्यवहार और पहनावा आवश्यक है। ऐसे नियमों का पालन करने से न केवल धार्मिक अनुशासन बढ़ेगा, बल्कि युवा पीढ़ी को भी अपने सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति जागरूक किया जा सकेगा।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

क्या मंदिर में ड्रेस कोड सभी के लिए लागू है?
जी हां, मंदिर में सभी श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड का पालन अनिवार्य होगा।
महिलाएं किस प्रकार के कपड़े पहन सकती हैं?
महिलाएं केवल साड़ी या सलवार-सूट पहनकर ही मंदिर में पूजा कर सकेंगी।
पुरुषों को क्या पहनना अनिवार्य है?
पुरुषों को मंदिर में पूजा के दौरान धोती पहनना अनिवार्य होगा।