क्या जब ब्रिज जर्जर था, तब उसे बंद करने की कोई वजह नहीं थी? शिवसेना (यूबीटी) ने प्रशासन पर लगाया आरोप

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क्या जब ब्रिज जर्जर था, तब उसे बंद करने की कोई वजह नहीं थी? शिवसेना (यूबीटी) ने प्रशासन पर लगाया आरोप

सारांश

पुणे में हुए ब्रिज हादसे पर शिवसेना (यूबीटी) ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है और सवाल उठाया है कि जब ब्रिज जर्जर था, तो उसे बंद क्यों नहीं किया गया। यह मुद्दा सियासी बहस का विषय बन गया है।

Key Takeaways

  • शिवसेना (यूबीटी) ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
  • ब्रिज जर्जर स्थिति में था और प्रशासन ने इसे बंद नहीं किया।
  • बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
  • मुख्यमंत्री ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
  • लोगों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।

मुंबई, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के पुणे ब्रिज हादसे को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) ने प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने प्रश्न उठाया कि जब ब्रिज जर्जर था और इसे बंद कर दिया गया था, तो प्रशासन वहां क्यों नहीं था?

शिवसेना (यूबीटी) के नेता और प्रवक्ता आनंद दुबे ने इस हादसे के लिए प्रशासन को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा, "पुणे के इंद्रायणी नदी पर बने पुल के गिरने से कई लोग बह गए हैं और दो लोगों की मौत हो गई है। लापता लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें लगी हुई हैं। मगर एक सवाल यह उठता है कि जब ब्रिज जर्जर था और उसे बंद कर दिया गया था तो प्रशासन वहां क्यों नहीं था? वहां पुलिसकर्मी क्यों नहीं थे और इसे सुरक्षित क्यों नहीं बनाया गया? क्या जानबूझकर लोगों को वहां इकट्ठा किया गया ताकि वे मर जाएं? क्या यह सब साजिश चल रही है? क्या यही कारण है कि हम सरकार को चुनते हैं?"

उन्होंने आगे कहा, "हम इस पर राजनीति नहीं करेंगे, लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि राज्य में किसी भी पार्टी की सरकार हो और कोई भी प्रशासन क्यों न हो, लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ क्यों? न वायु मार्ग सुरक्षित है, न जलमार्ग और न ही हेलीकॉप्टर। हमारे देश में सुरक्षित क्या है? बारिश के मौसम में जब लोग नदी किनारे आनंद लेना चाहते हैं, तो उनकी जिंदगी से कौन खेल रहा है? इसके बावजूद वहां के सांसद और लोग कह रहे हैं कि ब्रिज जर्जर था, और लोग जानबूझकर ही वहां जाते हैं। मैं पूछता हूं कि जो सिस्टम खराब हो गया है, उसे ठीक क्यों नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मांग है कि दोषियों पर कार्रवाई हो।"

वहीं, शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मावल तालुका के पर्यटन स्थल कुंदमाला में पुल ढहने की दुर्घटना जितनी दिल दहला देने वाली है, उतनी ही चौंकाने वाली भी है। इस त्रासदी में इंद्रायणी नदी में बहे पर्यटकों को बचाने में बचाव दल सफल हो और सभी सुरक्षित रहें, यही मेरी ईश्वर से प्रार्थना है।"

वहीं, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी हादसे पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "पुणे जिले के इंदौरी में इंद्रायणी नदी पर बना पुल ढह गया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस बेहद दर्दनाक और हृदय विदारक हादसे में दो नागरिकों की मौत हो गई है और कुछ के बह जाने की आशंका है। साथ ही, कुछ लोग घायल भी हैं। फंसे हुए नागरिकों को बचाने के लिए युद्धस्तर पर बचाव कार्य जारी है। एनडीआरएफ समेत सभी प्रशासनिक एजेंसियां इसके लिए पूरी तत्परता से काम कर रही हैं। अब तक छह लोगों को बचा लिया गया है और अन्य की तलाश जारी है। घायलों को तुरंत उपचार दिया जा रहा है।"

उन्होंने कहा, "मैं प्रार्थना करता हूं कि सभी घायलों के स्वास्थ्य में जल्द सुधार हो। इस त्रासदी में मारे गए लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं इस दुख की घड़ी में मृतकों के परिवार के साथ खड़ा हूं।"

Point of View

यह कहना आवश्यक है कि इस हादसे ने न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि लोगों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। हमें एक ऐसे सिस्टम की आवश्यकता है जो नागरिकों के जीवन की रक्षा करे।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

पुणे में ब्रिज हादसे में कितने लोग प्रभावित हुए?
इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई है और कई लोग लापता हैं।
ब्रिज क्यों जर्जर था?
ब्रिज की स्थिति को लेकर प्रशासन ने इसे पहले ही बंद कर दिया था, लेकिन सुरक्षा उपायों की कमी थी।
बचाव कार्य में कौन-कौन सी एजेंसियां शामिल हैं?
बचाव कार्य में एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमें शामिल हैं।
सरकार क्या कार्रवाई कर रही है?
मुख्यमंत्री ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात की है।
क्या इस हादसे के बाद अन्य पुलों की जांच की जाएगी?
उम्मीद है कि इस घटना के बाद अन्य पुलों की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाएगा।