क्या संजय सिंह यादव फिर से झारखंड प्रदेश राजद अध्यक्ष बने?

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क्या संजय सिंह यादव फिर से झारखंड प्रदेश राजद अध्यक्ष बने?

सारांश

झारखंड प्रदेश राजद के चुनाव में संजय सिंह यादव ने एक बार फिर से अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया है। हालांकि, इस बार विवादों का सामना करना पड़ा है। क्या यह चुनाव पार्टी के लिए नई चुनौतियां लेकर आएगा? जानिए इस घटनाक्रम के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • संजय सिंह यादव का फिर से अध्यक्ष बनना महत्वपूर्ण है।
  • अभय सिंह और सदाकत हुसैन अंसारी के नामांकन पर्चे अमान्य हुए।
  • यह निर्वाचन 2025-2028 सत्र के लिए हुआ है।
  • पार्टी में हंगामा और विरोध प्रदर्शन हुआ।
  • राजद के भीतर की राजनीति पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

रांची, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। संजय सिंह यादव को पुनः झारखंड प्रदेश राजद के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया है। इस पद के लिए दावेदारी करने वाले अन्य दो उम्मीदवार, अभय सिंह और सदाकत हुसैन अंसारी, के नामांकन पर्चे रविवार को स्क्रूटनी में अमान्य किए जाने के बाद, संजय सिंह यादव ही एकमात्र उम्मीदवार रह गए थे।

पार्टी के राज्य निर्वाचन पदाधिकारी गिरधारी यादव और सहायक निर्वाचन पदाधिकारी कलामुद्दीन खान के हस्ताक्षर से रविवार शाम को जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह घोषणा की गई है कि संजय सिंह यादव निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। यह निर्वाचन 2025-2028 सत्र के लिए किया गया है।

संजय सिंह यादव पिछले साल पलामू जिले के हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र से राजद के टिकट पर विधायक चुने गए थे। राजद के राज्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि अभय सिंह और सदाकत हुसैन अंसारी के नामांकन पर्चों में पार्टी की राज्य परिषद के किसी सदस्य का प्रस्तावक के तौर पर हस्ताक्षर नहीं थे, जिससे तकनीकी आधार पर उनका नामांकन रद्द कर दिया गया।

संजय सिंह यादव के नामांकन पर्चे में राज्य परिषद के 10 सदस्यों के हस्ताक्षर थे। पर्चा रद्द होने की जानकारी मिलते ही अभय सिंह और उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया और हंगामा शुरू कर दिया। सदाकत हुसैन अंसारी ने भी आरोप लगाया कि पर्चा रद्द करने में अनियमितता है।

यह ध्यान देने योग्य है कि अभय सिंह पहले लंबे समय तक प्रदेश राजद के अध्यक्ष रह चुके हैं, और सदाकत हुसैन अंसारी भी पार्टी की प्रदेश इकाई में उच्च पदों पर रहे हैं। दोनों ने यह भी कहा कि चुनाव पदाधिकारी ने मनमानी की है। पार्टी की राज्य परिषद के लिए कोई चुनाव नहीं हुआ है, ऐसे में पर्चा में किस सदस्य के हस्ताक्षर लिए जाते? उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत पार्टी के आलाकमान तक पहुंचाई जाएगी।

Point of View

यह देखना महत्वपूर्ण है कि झारखंड की राजनीति में संजय सिंह यादव का फिर से अध्यक्ष बनना एक महत्वपूर्ण मोड़ है। हालांकि, विवाद और हंगामे के बीच उनकी जीत ने पार्टी में नई चुनौतियों को जन्म दिया है। यह देखना होगा कि क्या उनकी नेतृत्व में राजद भविष्य में सशक्त बन पाएगी।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

संजय सिंह यादव कब से झारखंड प्रदेश राजद अध्यक्ष बने हैं?
संजय सिंह यादव को 15 जून को फिर से झारखंड प्रदेश राजद अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया है।
कौन से उम्मीदवारों के नामांकन पर्चे अमान्य हुए?
अभय सिंह और सदाकत हुसैन अंसारी के नामांकन पर्चे स्क्रूटनी में अमान्य कर दिए गए।
यह निर्वाचन कब के लिए हुआ है?
यह निर्वाचन 2025-2028 सत्र के लिए हुआ है।
क्या संजय सिंह यादव के चुनाव में किसी प्रकार का विवाद हुआ?
हाँ, पर्चे रद्द करने के बाद अभय सिंह और उनके समर्थकों ने हंगामा किया।
संजय सिंह यादव पहले किस क्षेत्र से विधायक चुने गए थे?
संजय सिंह यादव पलामू जिले के हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे।