क्या भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से हमें कर्म और धर्म की प्रेरणा मिलती है? : राकेश सिंह

सारांश
Key Takeaways
- भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें कर्म और धर्म का सही मार्ग दिखाता है।
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हर साल धूमधाम से मनाई जाती है।
- इस पर्व पर विशेष शोभायात्राएं और धार्मिक आयोजन होते हैं।
- भगवान की लीलाओं से प्रेरित झांकियां इस अवसर पर सजाई जाती हैं।
- समाज में एकता और भाईचारे का संदेश फैलता है।
जबलपुर/सूरत/पुणे/राजसमंद, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के जबलपुर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर सनातन धर्म सभा द्वारा गोरखपुर कृष्ण मंदिर से एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। इस शोभायात्रा में भगवान कृष्ण की लीलाओं पर आधारित अनेक झांकियां सभी का ध्यान आकर्षित कर रही थीं।
इस शोभायात्रा में साधु-संतों के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह, सांसद आशीष दुबे, विधायक अभिलाष पांडे, महापौर जगतबहादुर सिंह अन्नू और शहर के धार्मिक प्रेमियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम हजारों वर्षों से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते आ रहे हैं। भगवान श्री कृष्ण ने सनातन धर्म की पुनर्स्थापना के लिए इस धरती पर अवतार लिया। उनके जीवन से हमें न केवल कर्म का मार्गदर्शन मिलता है, बल्कि विपरीत परिस्थितियों में धैर्य बनाए रखने की भी शिक्षा मिलती है। यही कारण है कि भगवदगीता विश्व का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जो जीवन के संपूर्ण सार को समेटे हुए है।
गुजरात के सूरत में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर एक भक्तिमय माहौल बना हुआ है। सूरत के खाटूश्याम धाम मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। शहर के विभिन्न इलाकों में दही हांडी कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कई मंदिरों में भगवान श्री गोपाल का भव्य श्रृंगार किया गया है, जहां शाम 7 बजे संध्या आरती और रात 12 बजे जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। माखन-मिश्री और पंजरी का भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया जाएगा। मंदिर को रोशनी और फूलों से सजाया गया है।
महाराष्ट्र के पुणे के इस्कॉन मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को मनमोहक तरीके से सजाया गया है। आकर्षक लाइटिंग, रंग-बिरंगे फूलों और झूमरों से मंदिर की रौनक बढ़ गई है। इस मौके पर इस्कॉन मंदिर के सेवक गोपती दास ने बताया कि इस दिन हमारी भक्ति और निस्वार्थ सेवा प्रभु को भाएगी। आज पूरे शहर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जा रहा है और भक्तों का आना जारी है।
राजस्थान के राजसमंद में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव एक अनूठे तरीके से मनाया जाता है। इस बार सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। राजसमंद के नाथद्वारा में रात 12:00 बजे 21 तोपों की सलामी के साथ भगवान श्रीकृष्ण के आगमन की सूचना दी जाती है और तत्पश्चात नाथद्वारा में उत्सव का आरंभ होता है। अगले दिन सुबह ठाकुर जी को पंचम रत्नन कराया जाएगा और उसके बाद दोपहर तक नंद महोत्सव का आनंद लिया जाएगा।
इस विशेष उत्सव में भाग लेने के लिए राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों से हजारों लोग पहुंचते हैं।