क्या साउथ दिल्ली साइबर पुलिस ने यूएसडीटी क्रिप्टो निवेश ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया?

सारांश
Key Takeaways
- साइबर ठगी के मामलों में वृद्धि हो रही है।
- यूएसडीटी में निवेश करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें।
- संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करना महत्वपूर्ण है।
- सामाजिक मीडिया पर अनजान ऐप्स से सावधान रहें।
- साइबर पुलिस की कार्रवाई से ठगों को पकड़ा गया है।
नई दिल्ली, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की साउथ जिला साइबर पुलिस को मंगलवार को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। साइबर पुलिस ने यूएसडीटी क्रिप्टो निवेश में ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है और इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया।
साउथ जिला साइबर पुलिस ने उस संगठित साइबर ठगी गिरोह का खुलासा किया है, जो यूएसडीटी (टेदर क्रिप्टोकरेंसी) में निवेश के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी कर रहा था। इस मामले में गिरफ्तार किए गए छह आरोपियों के पास से 5 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप और 4 बैंक पासबुक बरामद की गई हैं।
एक पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया, "उसे फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से एक व्यक्ति ने संपर्क किया और एक क्रिप्टो ट्रेडिंग ऐप 'बीटॉप' डाउनलोड करने के लिए कहा। उसने यूएसडीटी में निवेश करने का झांसा दिया। 10 लाख रुपये निवेश कराने के बाद जब पीड़ित ने पैसा निकालने का प्रयास किया, तो 30 प्रतिशत 'क्लियरेंस फीस' की मांग की गई, जिससे उसे ठगी का अहसास हुआ।"
साउथ डिस्ट्रिक्ट के एडिशनल डीसीपी सुमित झा ने बताया कि साइबर पुलिस की कार्रवाई में आरोपियों की पहचान हिमांशु बैसोया (मास्टरमाइंड), अविनाश वर्मा, आलोक सिंह, गरिमा सिंह, सिमरनजीत सिंह उर्फ लवी और कमल इंसान के रूप में हुई है। गिरोह ने बैंक खातों की व्यवस्था यूपी के ग्रामीणों को मामूली रकम देकर की और ठगे गए पैसों को नकद में निकालकर यूएसडीटी क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया।
पुलिस ने लोगों को साइबर ठगों से सतर्क रहने की सलाह दी और एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया। उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया या मैसेंजर के जरिए भेजे गए अनजान ऐप्स या निवेश योजनाओं से सावधान रहें, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत 1930 हेल्पलाइन या वेबसाइट 'साइबर क्राइम डॉट गॉव डॉट इन' पर दें।