क्या सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी विकास यादव की अंतरिम जमानत बढ़ाई?

सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कटारा हत्याकांड में विकास यादव की अंतरिम जमानत बढ़ाई गई।
- विकास यादव को 25 साल की सजा सुनाई गई थी।
- सुप्रीम कोर्ट ने जमानत बढ़ाने का निर्णय लिया।
- यह मामला ऑनर किलिंग से जुड़ा है।
- विकास ने मां की बीमारी को आधार बनाया।
नई दिल्ली, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड में विकास यादव को राहत प्रदान करते हुए उसकी अंतरिम जमानत बढ़ा दी है। मंगलवार को कोर्ट ने विकास की अंतरिम जमानत को दो हफ्ते के लिए बढ़ाने का आदेश दिया। नीतीश कटारा हत्याकांड में विकास यादव को 25 साल की सजा सुनाई गई थी।
विकास यादव की मां बीमार हैं, जिसके चलते उन्होंने मां के उपचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी। 24 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने उसे अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद 19 मई को कोर्ट ने उसकी जमानत को चार हफ्ते के लिए बढ़ाया और अब दो हफ्ते और बढ़ाई गई है।
हालांकि, इस दौरान पीड़िता नीलम कटारा के वकील ने विकास की अंतरिम जमानत का विरोध किया। वकील का कहना था कि विकास की मां की सर्जरी हो चुकी है और वह अब अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुकी हैं, इसलिए अंतरिम जमानत बढ़ाने का कोई आधार नहीं है।
यह मामला फरवरी 2002 में नीतीश कटारा की हत्या से जुड़ा है। असल में यह मामला ऑनर किलिंग से संबंधित था। नीतीश कटारा की एक नेता डीपी यादव की बेटी के साथ दोस्ती थी, जिसके चलते उसका अपहरण कर हत्या कर दी गई। इस हत्या का आरोप नीतीश की दोस्त भारती के भाई विकास और विशाल पर लगा। विकास, डीपी यादव का बेटा है। निचली अदालत ने इस हत्याकांड को ऑनर किलिंग माना था। 30 मई 2008 को निचली अदालत ने विकास और विशाल को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान विकास यादव की उम्रकैद को 25 साल की सजा में बदल दिया। बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2016 में विकास यादव और विशाल यादव को 25-25 साल की कैद की सजा को बरकरार रखा। फिलहाल विकास 25 साल की सजा में से 23 साल जेल में बिता चुका है।