क्या सपा नेता एसटी हसन को योग में भी हिंदू-मुस्लिम नजर आता है? : शहजाद पूनावाला

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क्या सपा नेता एसटी हसन को योग में भी हिंदू-मुस्लिम नजर आता है? : शहजाद पूनावाला

सारांश

समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन के योग दिवस पर दिए गए विवादास्पद बयान पर भाजपा ने तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया है। जानिए इस विवाद के पीछे की सच्चाई और प्रतिक्रिया में क्या कहा गया।

Key Takeaways

  • योग एक स्वास्थ्यवर्धक गतिविधि है।
  • भाजपा ने तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया है।
  • एसटी हसन का बयान सांप्रदायिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
  • योग दिवस का अंतरराष्ट्रीय समर्थन है।
  • सरकार को दोहरे रवैये से बचना चाहिए।

नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद एसटी हसन के योग दिवस पर दिए गए विवादास्पद बयान को लेकर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति का उदाहरण बताया है।

शहजाद पूनावाला ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी को सांप्रदायिक पार्टी कहा जाना चाहिए। वे केवल अपने वोट बैंक को खुश करने में लगे रहते हैं और अब योग में भी उन्हें हिंदू-मुस्लिम नजर आने लगा है।

उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के भारत के प्रस्ताव का 170 से अधिक देशों ने समर्थन किया, जिसमें कई मुस्लिम देश भी शामिल थे। यह कोई हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं बना। अब जब सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों के स्वास्थ्य के लिए 10-15 मिनट की शारीरिक गतिविधि के लिए प्रोटोकॉल तैयार किया जा रहा है, तब एसटी हसन इसे सांप्रदायिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

शहजाद पूनावाला ने एसटी हसन पर व्यंग्य करते हुए कहा कि वे कई बार यूसीसी के मुद्दे पर कह चुके हैं कि अगर यूसीसी लागू होगा तो चार विवाह का अधिकार नहीं मिलेगा। यह यूसीसी का विरोध करते हैं। यह वही पार्टी है, जिसे एक मामले में कोर्ट से फटकार लगाई गई थी। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि आतंकियों को छोड़ रहे हो, क्या आगे चलकर उन्हें पद्मश्री या पद्मभूषण देंगे?

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने योग दिवस पर कर्मचारियों को दिए जाने वाले विशेष ब्रेक को लेकर सवाल उठाए।

हसन ने कहा, "योग दिवस पर ब्रेक देने की कोई आवश्यकता नहीं है। कर्मचारी चाहें तो घर से योग करके कार्यालय आ सकते हैं। जब मुसलमानों को नमाज के लिए आधे घंटे का भी ब्रेक नहीं दिया जाता, तो योग के लिए विशेष ब्रेक देना कहां तक उचित है?"

उन्होंने आगे कहा कि हम योग के विरोध में नहीं हैं। यह एक अच्छी चीज है, लेकिन सरकार को दोहरा रवैया नहीं अपनाना चाहिए। यदि योग दिवस पर ब्रेक दिया जा रहा है, तो फिर मुस्लिम कर्मचारियों को नमाज के लिए भी ब्रेक दिया जाना चाहिए।

Point of View

और इसे धार्मिक या सांप्रदायिक दृष्टिकोण से देखना अनुचित है। सपा और भाजपा के बीच की राजनीतिक लड़ाई में, यह जरूरी है कि हम स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और सांप्रदायिकता से दूर रहें।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

योग दिवस पर एसटी हसन का बयान क्या है?
एसटी हसन ने कहा कि योग दिवस पर विशेष ब्रेक की आवश्यकता नहीं है और यह सांप्रदायिकता की ओर इशारा करता है।
भाजपा ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी?
भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया है।
क्या योग हिंदू-मुस्लिम मुद्दा है?
योग एक शारीरिक गतिविधि है और इसे धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए।
क्या एसटी हसन योग के विरोध में हैं?
उन्होंने कहा कि वे योग के विरोध में नहीं हैं, परंतु सरकार को दोहरे रवैये से बचना चाहिए।
इस विवाद का राजनीतिक महत्व क्या है?
यह विवाद सपा और भाजपा के बीच सांप्रदायिक राजनीति के आरोपों को उजागर करता है।