क्या नमाज पर नहीं मिलता ब्रेक, फिर योगा डे पर राहत क्यों?: एसटी हसन

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क्या नमाज पर नहीं मिलता ब्रेक, फिर योगा डे पर राहत क्यों?: एसटी हसन

सारांश

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष ब्रेक की सियासी बयानबाजी ने फिर से चर्चा को जन्म दिया है। डॉ. एसटी हसन ने सवाल उठाया है कि जब मुसलमानों को नमाज के लिए ब्रेक नहीं मिलता, तो योग दिवस पर ऐसा विशेष प्रावधान क्यों?

Key Takeaways

  • अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कर्मचारियों को विशेष ब्रेक दिया जाएगा।
  • डॉ. एसटी हसन ने नमाज के लिए ब्रेक की मांग की।
  • योग से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • 'वाई-ब्रेक योगा' सत्र कर्मचारियों के लिए लाभदायक होगा।
  • सरकार को सभी धर्मों के प्रति समान रवैया अपनाना चाहिए।

मुरादाबाद, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आगमन से पहले एक बार फिर इस पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने योग दिवस पर कर्मचारियों को दिए जाने वाले विशेष ब्रेक पर सवाल उठाए हैं।

डॉ. हसन ने कहा, "योगा डे पर ब्रेक देने की कोई आवश्यकता नहीं है। कर्मचारी चाहें तो घर से योग करके कार्यालय आ सकते हैं। जब मुसलमानों को नमाज के लिए आधे घंटे का भी ब्रेक नहीं दिया जाता, तो योग के लिए विशेष ब्रेक देना कहाँ तक उचित है?"

उन्होंने आगे कहा कि हम योग के खिलाफ नहीं हैं। यह एक सकारात्मक पहल है, लेकिन सरकार को दोहरी नीति नहीं अपनानी चाहिए। यदि योगा डे पर ब्रेक दिया जा रहा है, तो फिर मुस्लिम कर्मचारियों को नमाज के लिए भी ब्रेक दिया जाना चाहिए।

पूर्व सांसद ने वर्तमान व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब देश में वो सब हो रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ। अगर ऑफिस समय से पहले ही योग किया जा सकता है, तो काम के समय ब्रेक देने की क्या आवश्यकता है?

ज्ञात हो कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) से पहले प्रदेश सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है। अब राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में रोजाना 'वाई-ब्रेक योगा' सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिससे कर्मचारियों को कामकाज के दौरान तनाव से राहत मिलेगी और वे शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकेंगे। यह निर्णय केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत लिया गया है।

'वाई-ब्रेक योगा' एक संक्षिप्त योग सत्र है, जो खासकर ऑफिस या डेस्क पर काम करने वालों के लिए तैयार किया गया है। इसमें पाँच से दस मिनट के हल्के योगाभ्यास शामिल हैं, जो गर्दन, पीठ और कमर की जकड़न को दूर करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही इसमें गहरी सांसों और माइंडफुलनेस तकनीकों को भी शामिल किया गया है, जिससे मानसिक थकान कम होती है और कार्यक्षमता तथा एकाग्रता में सुधार होता है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि किसी भी धार्मिक आस्था का सम्मान किया जाना चाहिए। योग और नमाज दोनों ही स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए महत्वपूर्ण हैं। सरकार को सभी कर्मचारियों के लिए समान अवसर प्रदान करना चाहिए, ताकि किसी भी धर्म के अनुयायी को भेदभाव का सामना न करना पड़े।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

क्या योग दिवस पर ब्रेक देना सही है?
यह एक स्वास्थ्यप्रद पहल है, लेकिन सभी धर्मों के कर्मचारियों को समान अवसर मिलना चाहिए।
क्या नमाज के लिए ब्रेक नहीं मिलने पर योग के लिए ब्रेक उचित है?
यह मुद्दा संवेदनशील है और इसे धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण से देखना चाहिए।
वाई-ब्रेक योगा क्या है?
'वाई-ब्रेक योगा' एक संक्षिप्त योग सत्र है, जो कर्मचारियों के लिए डिज़ाइन किया गया है।