क्या ट्रंप का फार्मा पर 100 प्रतिशत टैरिफ भारत को नहीं, बल्कि अमेरिका को नुकसान देगा?

सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप का टैरिफ केवल ब्रांडेड दवाइयों पर लागू होगा।
- भारत को इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा।
- अमेरिका में दवाओं की कीमतें बढ़ सकती हैं।
- भारत फार्मास्यूटिकल्स का सबसे बड़ा निर्यातक है।
- इस टैरिफ का मुख्य प्रभाव अमेरिका पर होगा।
नई दिल्ली, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। विशेषज्ञों ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फार्मास्यूटिकल्स पर लगाए गए 100 प्रतिशत टैरिफ का नकारात्मक असर भारत पर नहीं, बल्कि अमेरिका पर ही पड़ेगा।
1 अक्टूबर से लागू होने वाला यह टैरिफ केवल ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाइयों के आयात पर है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि यह जेनेरिक दवाओं पर लागू नहीं होगा।
इकोनॉमिस्ट आकाश जिंदल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "फार्मास्यूटिकल्स पर यह 100 प्रतिशत टैरिफ अमेरिका के लिए बहुत नुकसानदायक सिद्ध होगा, क्योंकि दवाएं किसी भी अर्थव्यवस्था की आवश्यकताएं होती हैं। भारत में, हमारी सरकार दवा की कीमतों को कम करने का प्रयास कर रही है। अमेरिका में नई फैक्ट्री स्थापित करना तात्कालिक नहीं हो सकता।"
जिंदल ने टैरिफ को एक बड़ी गलती बताया और चेतावनी दी कि अमेरिकी सरकार को अपने ही नागरिकों से विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
व्यापारी डॉ. निरंजन हिरानंदानी ने कहा, "इस टैरिफ से भारत को नुकसान नहीं होगा, बल्कि अमेरिका को ही नुकसान होगा। अमेरिका द्वारा लगाया गया यह टैरिफ बहुत गलत है।"
हिरानंदानी ने आगे कहा, "100 प्रतिशत टैरिफ लगाने से सबसे ज्यादा नुकसान अमेरिका को होगा, क्योंकि वहां की दवाएं सबसे महंगी हैं। भारत में दवाएं बहुत सस्ती मिलती हैं।"
इकोनॉमिस्ट संतोष मेहरोत्रा ने कहा, "अभी तक फार्मास्यूटिकल ड्रग्स और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स पर कोई टैरिफ नहीं था, लेकिन अब फार्मास्यूटिकल्स को इसमें शामिल किया गया है। हालांकि, 100 प्रतिशत टैरिफ जेनेरिक दवाओं पर लागू नहीं है। इसलिए भारत के लिए इसका बड़ा असर नहीं होगा।"
अमेरिका भारत के लिए फार्मास्यूटिकल सामान का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। फार्मास्यूटिकल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अनुसार, वित्त वर्ष 24 में, भारत के 27.9 बिलियन डॉलर के फार्मा निर्यात में से 31 प्रतिशत या 8.7 बिलियन डॉलर (7,72,31 करोड़ रुपए) अमेरिका को गए। 2025 के पहले छह महीनों में ही 3.7 बिलियन डॉलर (32,505 करोड़ रुपए) मूल्य के फार्मा उत्पादों का निर्यात हुआ।