क्या बारनवापारा अभ्यारण्य को मिली नई पहचान, वन्यजीवों की आत्मा को समेटता आधिकारिक लोगो हुआ लॉन्च?

Click to start listening
क्या बारनवापारा अभ्यारण्य को मिली नई पहचान, वन्यजीवों की आत्मा को समेटता आधिकारिक लोगो हुआ लॉन्च?

सारांश

बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य ने अपने आधिकारिक लोगो के जरिए अपनी पहचान को एक नई दिशा दी है। यह लोगो केवल एक डिज़ाइन नहीं है, बल्कि जंगल की आत्मा और संरक्षण का प्रतीक है। अरुण कुमार पांडेय द्वारा लॉन्च किया गया यह लोगो जंगल की जैव विविधता और संतुलन को दर्शाता है।

Key Takeaways

  • बारनवापारा अभ्यारण्य का नया लोगो संरक्षण एवं जैव विविधता का प्रतीक है।
  • लोगो में तेंदुआ और गौर का महत्व दर्शाया गया है।
  • यह लोगो आने वाले समय में अभ्यारण्य की पहचान बनेगा।
  • इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना है।
  • स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

बलौदाबाजार, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के वन केवल हरियाली नहीं हैं, बल्कि ये जीवित इतिहास के प्रतीक भी हैं। इन जंगलों में प्रकृति का संतुलन, जैव विविधता और संरक्षण की गहरी कहानियां छिपी हुई हैं। इसी पहचान को एक सशक्त प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करते हुए, बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य ने अपना आधिकारिक लोगो लॉन्च किया है।

यह लोगो केवल एक डिज़ाइन नहीं है, बल्कि यह जंगल की आत्मा, उसके जीवों और संरक्षण के संकल्प का प्रतीक है।

बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य के इस आधिकारिक लोगो का विमोचन मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक अरुण कुमार पांडेय ने किया। कार्यक्रम में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) माथेश्वरण वी., मुख्य वन संरक्षक वी.एच. वेंकटचलम और मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) स्तोविषा समझदार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय वन अमला उपस्थित रहे।

नए लोगो को इस तरह तैयार किया गया है कि यह बारनवापारा अभ्यारण्य की जैव विविधता और पारिस्थितिक संतुलन को स्पष्ट रूप से दर्शाए। लोगो के केंद्र में तेंदुआ है, जो इस अभ्यारण्य का प्रमुख शिकारी और जंगल के संतुलन का अहम स्तंभ माना जाता है। तेंदुए की फुर्ती, सतर्कता और अनुकूलन क्षमता स्वस्थ जंगल की पहचान है।

लोगो में गौर (भारतीय बाइसन) को भी शामिल किया गया है, जो शक्ति, स्थायित्व और वन की ऊर्जा का प्रतीक है। बारनवापारा के जंगलों में गौर की मौजूदगी यह दर्शाती है कि यह क्षेत्र आज भी प्राकृतिक रूप से समृद्ध और सुरक्षित है। वहीं, बारहसिंगा के सींगों का प्रतीकात्मक उपयोग इस अभ्यारण्य की समृद्ध वन्यजीव विरासत और जैव विविधता को दर्शाता है। यह संदेश देता है कि बारनवापारा वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी एक अमूल्य धरोहर है।

मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि किसी भी अभ्यारण्य की पहचान उसके संरक्षण मॉडल और जैव विविधता से बनती है। बारनवापारा का नया लोगो इसी सोच का दृश्य रूप है। आने वाले समय में यह लोगो अभ्यारण्य की पहचान बनेगा और वन्यजीव संरक्षण, जन-जागरूकता तथा इको-टूरिज्म से जुड़े सभी प्रयासों का केंद्र बिंदु होगा।

बारनवापारा क्षेत्र पर्यटन के लिहाज से भी लगातार नई पहचान बना रहा है। अब तक छत्तीसगढ़ में बेम्बू राफ्टिंग का नाम आते ही बस्तर क्षेत्र का जिक्र होता था, लेकिन अब बलौदाबाजार जिले का हरेली इको रिजॉर्ट राज्य का दूसरा बेम्बू राफ्टिंग स्थल बन गया है। फरवरी २०२५ से शुरू हुई यह सुविधा पर्यटकों को घने जंगलों के बीच स्थित शांत प्राकृतिक झील में बांस की नाव से सैर का अनोखा अनुभव देती है।

बारनवापारा अभ्यारण्य से लगभग १० किलोमीटर दूर स्थित हरेली इको रिजॉर्ट करीब ४.५ एकड़ क्षेत्र में फैला है। यहां की प्राकृतिक झील में पानी की गहराई ८ से १५ फीट तक है। शांत पानी में बांस की नाव पर सैर हर उम्र के पर्यटकों के लिए सुरक्षित और आनंददायक है। चारों ओर हरियाली, पक्षियों की चहचहाहट और जंगल की ठंडी हवा इस अनुभव को और खास बनाती है।

वनमंडलाधिकारी बलौदाबाजार गणवीर धम्मशील ने मीडिया को बताया कि यह नया लोगो बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य की आत्मा को दर्शाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि आज के समय में किसी भी अभ्यारण्य के लिए एक स्पष्ट और मजबूत पहचान जरूरी है। यह लोगो भविष्य में सभी आधिकारिक दस्तावेजों, प्रचार सामग्री, इको-टूरिज्म गतिविधियों, सफारी वाहनों, प्रवेश द्वारों और जागरूकता अभियानों में उपयोग किया जाएगा।

डीएफओ गणवीर धम्मशील ने कहा कि लोगो का उद्देश्य केवल सुंदरता नहीं है, बल्कि यह संदेश देना है कि बारनवापारा संरक्षण और विकास के बीच संतुलन का प्रतीक है। यहां की जैव विविधता को दर्शाने के उद्देश्य से यह लोगो लॉन्च किया गया है। यह पर्यटन के दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है और पार्क की जैविक समृद्धि को प्रदर्शित करने का एक सशक्त माध्यम है।

नए लोगो के साथ बारनवापारा में इको-टूरिज्म को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। वन विभाग की योजना है कि इस लोगो को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जाए ताकि बारनवापारा को एक जिम्मेदार पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जा सके। इससे स्थानीय ग्रामीणों और आदिवासी समुदायों को भी लाभ मिलेगा, क्योंकि गाइड, सफारी चालक और अन्य सेवाओं से जुड़े अधिकांश लोग स्थानीय हैं।

Point of View

बल्कि यह क्षेत्र की जैव विविधता और पारिस्थितिक संतुलन को भी उजागर करता है। ऐसे प्रयासों से न केवल स्थानीय समुदायों को लाभ होगा, बल्कि यह भारत के वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को वैश्विक स्तर पर भी एक नई दिशा प्रदान करेगा।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

बारनवापारा अभ्यारण्य का नया लोगो किस उद्देश्य से बनाया गया है?
यह लोगो बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य की आत्मा और जैव विविधता को दर्शाने के लिए बनाया गया है।
लोगो में तेंदुआ का क्या महत्व है?
तेंदुआ इस अभ्यारण्य का प्रमुख शिकारी है और जंगल के संतुलन का अहम स्तंभ माना जाता है।
हरेली इको रिजॉर्ट की विशेषता क्या है?
यह रिजॉर्ट बेम्बू राफ्टिंग का दूसरा स्थल है और यह पर्यटकों को प्राकृतिक झील में बांस की नाव से सैर का अनुभव प्रदान करता है।
नए लोगो का उपयोग कहाँ किया जाएगा?
यह लोगो सभी आधिकारिक दस्तावेजों, प्रचार सामग्री, इको-टूरिज्म गतिविधियों, और जागरूकता अभियानों में उपयोग किया जाएगा।
बारनवापारा का लोगो स्थानीय समुदाय को कैसे लाभ पहुंचाएगा?
यह लोगो स्थानीय ग्रामीणों और आदिवासी समुदायों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, जैसे गाइड, सफारी चालक आदि।
Nation Press