क्या बेलहर विधानसभा सीट पर यादवों का दबदबा फिर से कायम होगा?

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क्या बेलहर विधानसभा सीट पर यादवों का दबदबा फिर से कायम होगा?

सारांश

बेलहर विधानसभा सीट पर यादवों का दबदबा कायम रहेगा या नए समीकरण उभरेंगे? 2025 के चुनाव में जदयू और राजद के बीच कड़ा मुकाबला होगा। जानिए इस चुनावी क्षेत्र के इतिहास और वर्तमान स्थिति के बारे में।

Key Takeaways

  • बेलहर विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास महत्वपूर्ण है।
  • यादव समुदाय का प्रभाव चुनाव में निर्णायक होगा।
  • राजद और जदयू के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी।

पटना, 25 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बांका जिले की बेलहर विधानसभा सीट इस बार चुनावी दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह सीट 1962 में स्थापित हुई थी और बांका लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। इसमें बेलहर, फुल्लीडुमर और चांदन तीन प्रमुख प्रखंड शामिल हैं।

भौगोलिक दृष्टि से बेलहर क्षेत्र कृषि के लिए महत्वपूर्ण है। हरिगढ़ और त्रिवेणी नदियों की उपस्थिति इसे उपजाऊ बनाती है। जिले के प्रमुख धार्मिक स्थल बेलडीहा मोर स्थित दुर्गा मंदिर भी यहां की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है। सावन के महीने में इस मार्ग से कांवड़ यात्रा गुजरती है, जिसमें सुल्तानगंज से देवघर तक गंगाजल चढ़ाने के लिए श्रद्धालु 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं, और इसका 64 किलोमीटर हिस्सा बेलहर क्षेत्र से गुजरता है।

जातीय समीकरण की दृष्टि से बेलहर को 'यादव भूमि' कहा जाता है। यादव समुदाय कुल पंजीकृत मतदाताओं का 30 प्रतिशत से अधिक है और अब तक आठ बार यादव विधायक चुने जा चुके हैं। इसके अलावा मुस्लिम, राजपूत और रविदास समुदाय के मतदाता भी यहां अच्छी संख्या में हैं।

बेलहर विधानसभा क्षेत्र अब तक 16 चुनावों का गवाह रहा है। कांग्रेस और जनता दल (यूनाइटेड) ने चार-चार बार जीत दर्ज की है। राजद ने तीन बार, संयुक्त समाजवादी पार्टी ने दो बार, जबकि जनता पार्टी, जनता दल और निर्दलीय उम्मीदवार ने एक-एक बार जीत हासिल की है। 1990 के बाद से कांग्रेस का प्रभाव लगभग इस सीट पर समाप्त हो गया और 2000 के बाद यह सीट जदयू और राजद के बीच राजनीतिक युद्धभूमि बन गई।

2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू के मनोज यादव ने राजद के रामदेव यादव को हराया। रामदेव यादव इससे पहले चार बार विधायक रह चुके हैं। वहीं, बांका से सांसद गिरधारी यादव भी बेलहर से दो बार विधायक रह चुके हैं।

2025 में इस सीट पर जदयू और राजद के बीच कड़ी टक्कर है। जदयू ने मनोज यादव को टिकट दिया है, जबकि राजद ने चाणक्य प्रकाश रंजन को उम्मीदवार घोषित किया है। जन स्वराज पार्टी से बृज किशोर पंडित मैदान में हैं।

हालांकि, यह तय है कि यादव वोटर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

Point of View

लेकिन आगामी चुनावों में अन्य जातीय समीकरण भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं। यह सीट हमेशा से राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रही है, और अगले चुनाव में यह देखने में दिलचस्प होगा कि क्या नए समीकरण उभरते हैं।
NationPress
25/10/2025

Frequently Asked Questions

बेलहर विधानसभा सीट की स्थापना कब हुई थी?
बेलहर विधानसभा सीट की स्थापना 1962 में हुई थी।
इस सीट का मुख्य जातीय समीकरण क्या है?
इस सीट को 'यादव भूमि' कहा जाता है, जहां यादव समुदाय कुल पंजीकृत मतदाताओं का 30 प्रतिशत से अधिक है।
2025 में इस सीट पर किसकी टक्कर होगी?
2025 में इस सीट पर जदयू और राजद के बीच कड़ी टक्कर होगी।