क्या भारत-ब्रिटेन संबंधों को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करेंगे पीएम मोदी?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और ब्रिटेन के संबंधों में मजबूती आई है।
- पीएम मोदी और कीर स्टार्मर के बीच महत्वपूर्ण मुलाकात हुई।
- मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- भारत के 99 प्रतिशत निर्यात को शून्य-शुल्क पहुंच मिलेगी।
- 2030 तक व्यापार के दोगुना होने की उम्मीद है।
कनानास्किस, 18 जून (राष्ट्र प्रेस) । कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन मिलकर इस अद्भुत साझेदारी को और मजबूत करते रहेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "एक्स" पर साझा किया, "प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ एक उत्कृष्ट बातचीत हुई। भारत और ब्रिटेन के बीच संबंध निरंतर मजबूती की ओर बढ़ रहे हैं, विशेषकर व्यापार और वाणिज्य में हुई प्रगति के माध्यम से। हम इस मित्रता को और तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए मिलकर कार्य करते रहेंगे।"
यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले कुछ वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में ब्रिटेन के साथ भारत के रिश्तों में मजबूती आई है। 7 जून को, पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री स्टार्मर को भारत आने का न्योता दिया। पीएम मोदी ने स्टार्मर को उनकी नई भूमिका के लिए शुभकामनाएं भी दी थीं। इस महीने की शुरुआत में, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन सरकार को 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को न्याय दिलाने में भारत के साथ खड़े रहने के लिए धन्यवाद कहा था।
ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी भारत की यात्रा कर चुके हैं, जो इसी महीने की शुरुआत में आए थे। इस दौरान भारत और ब्रिटेन के बीच 6 मई को हुए ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर चर्चा हुई थी। उस समय एस जयशंकर ने कहा, "यह समझौता न केवल द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा, बल्कि आपूर्ति और मूल्य श्रृंखलाओं को भी सुदृढ़ करेगा। यह रणनीतिक संबंधों को भी नया आयाम देगा।"
विशेष रूप से, मई 2025 में भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारत का 16वां और ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन का सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय व्यापार समझौता है।
यह समझौता मौजूदा समय में वैश्विक व्यापार अस्थिरता और टैरिफ अनिश्चितताओं के बीच दुनिया की चौथी और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक महत्वपूर्ण कदम है। ब्रिटेन, भारत से सबसे ज्यादा वस्तुएं खरीदने वाले देशों में चौथे स्थान पर है, जबकि भारत ब्रिटेन के लिए 11वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत और ब्रिटेन के बीच हर साल लगभग 60 अरब डॉलर का व्यापार होता है, जो 2030 तक दोगुना होने की उम्मीद है।
एफटीए समझौता, ब्रिटेन को भारत के 99 प्रतिशत निर्यात के लिए शून्य-शुल्क पहुंच प्रदान करता है, जिसमें वस्त्र, परिधान, चमड़ा, जूते, समुद्री उत्पाद, खेल के सामान, खिलौने, रत्न और आभूषण, ऑटो पार्ट्स, इंजीनियरिंग सामान और कार्बनिक रसायन शामिल हैं।