क्या बृजभूषण सिंह ने चंद्रशेखर आजाद पर गंभीर आरोप लगाए?

सारांश
Key Takeaways
- बृजभूषण शरण सिंह ने चंद्रशेखर आजाद पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- दलित बेटी के मामले में एफआईआर की मांग की गई है।
- सरकार को मामले में गंभीरता दिखाने की आवश्यकता है।
- मीडिया को इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की अपील की गई है।
- सामाजिक कार्यकर्ताओं की चुप्पी पर सवाल उठाए गए हैं।
गोंडा, १५ जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को गोंडा में जनता के साथ मिलकर स्थानीय मुद्दों के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। इसी दौरान, उन्होंने नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद पर एक दलित लड़की द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को लेकर तीखा हमला किया और उनके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
उन्होंने कहा, "सरकार को इस मामले में चुप रहना नहीं चाहिए। दलित बेटी की आवाज को दबाने का प्रयास नहीं होना चाहिए। इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई की जानी चाहिए।"
बृजभूषण ने अपने खिलाफ जनवरी २०२३ में लगे आरोपों का जिक्र करते हुए कहा, "जब मुझ पर आरोप लगे थे, तब चंद्रशेखर आजाद ने कहा था कि मुझे घसीटकर ले जाएंगे। मेरे खिलाफ एफआईआर हुई, मुझे न्यायपालिका का सामना करना पड़ा। मैंने तब कहा था कि यदि एक भी आरोप साबित हुआ, तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। आज मैं उनसे पूछता हूं, दलित बेटी के मुद्दे पर आपकी ताकत कहां गई? उस समय जाट बेटियों का मुद्दा था, अब दलित बेटी का है। क्या चंद्रशेखर आजाद मीडिया के सामने इसका जवाब देंगे?"
उन्होंने विपक्षी नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर भी निशाना साधा। बृजभूषण ने सवाल उठाया, "कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, ममता बनर्जी, अशोक गहलोत, किसान नेता और न्याय के ठेकेदार कहां हैं? दलित बेटी के मुद्दे पर सब मौन क्यों हैं?"
उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए और एफआईआर दर्ज कर जांच करानी चाहिए। जांच में जो तथ्य सामने आएं, उनके आधार पर कार्रवाई होनी चाहिए। दलित और कमजोर वर्ग की बेटी की आवाज को दबाने का प्रयास नहीं होना चाहिए और उसकी आवाज को बाहर लाना चाहिए।
बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया से भी अपील की कि इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाए। उन्होंने कहा, "यदि यह मामला किसी अन्य समाज की लड़की से जुड़ा होता, तो अब तक सोशल मीडिया और मुख्यधारा की मीडिया में हंगामा मच गया होता। लेकिन, यह दलित समाज की बेटी का मामला है और कोई बोलने को तैयार नहीं।"