क्या यूपी एसटीएफ ने धनबाद के कुख्यात गैंगस्टर आशीष रंजन को प्रयागराज में ढेर कर दिया?

सारांश
Key Takeaways
- आशीष रंजन का मुठभेड़ में मारा जाना एक महत्वपूर्ण घटना है।
- यह कार्रवाई एसटीएफ द्वारा की गई थी।
- घटनास्थल से कई हथियारों की बरामदगी हुई है।
- आशीष का नाम कई संगीन अपराधों में था।
- इस घटना ने समाज में अपराध के खिलाफ एक सख्त संदेश दिया है।
धनबाद, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के धनबाद का कुख्यात गैंगस्टर आशीष रंजन सिंह उर्फ छोटू सिंह को यूपी के प्रयागराज में एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में खत्म कर दिया गया है। यह मुठभेड़ प्रयागराज के शंकरगढ़ क्षेत्र में बुधवार रात को हुई।
पुलिस की गोली से घायल आशीष को तुरंत अस्पताल भेजा गया, लेकिन वहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। झारखंड पुलिस के एक उच्चाधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि की है। एसटीएफ को मिली गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई थी।
सूचना मिली थी कि आशीष अपने एक साथी के साथ प्रयागराज में किसी गंभीर आपराधिक घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा था। बताया गया कि वह शिवराजपुर चौराहा, थाना शंकरगढ़ के रास्ते शहर में प्रवेश करने वाला था।
इस सूचना के बाद एसटीएफ की टीम ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया। जैसे ही आशीष वहां पहुंचा, पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन उसने आत्मसमर्पण करने के बजाय एके-47 राइफल और 9 एमएम पिस्टल से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में एसटीएफ के तीन जवान बाल-बाल बचे।
पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें आशीष गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। मौके से एक एके-47 राइफल, एक 9 एमएम पिस्टल, बड़ी संख्या में जिंदा कारतूस और खाली खोखे के साथ एक मोटरसाइकिल भी बरामद की गई।
इन बरामद हथियारों की फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी गई है। आशीष रंजन धनबाद के जेसी मल्लिक रोड का निवासी था और झारखंड सहित कई राज्यों में दर्ज संगीन आपराधिक मामलों में वांछित था। धनबाद मंडल कारा में 3 दिसंबर 2023 को हुए चर्चित गैंगस्टर अमन सिंह हत्याकांड में भी आशीष का नाम प्रमुख साजिशकर्ता के रूप में सामने आया था।
सीआईडी की जांच में खुलासा हुआ था कि आशीष के इशारे पर जेल के भीतर गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या सुंदर यादव उर्फ रितेश यादव ने की थी।