क्या दिल्ली एम्स का न्यूरोसर्जरी विभाग वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों को छू रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- एम्स न्यूरोसर्जरी विभाग ने विश्व में 11वां, एशिया में 2 और भारत में 1 स्थान प्राप्त किया है।
- विभाग में 9 ऑपरेटिंग रूम और 24 फैकल्टी सदस्य हैं।
- यह विभाग 1965 से कार्यरत है।
- हर साल 6,000 से अधिक सर्जरी होती हैं।
- यह विभाग अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है।
नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएएस)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली का न्यूरोसर्जरी विभाग ने वैश्विक स्तर पर एक नई उपलब्धि हासिल की है। एडुरैंक, जो अंतरराष्ट्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता का आकलन करने वाली एक प्रतिष्ठित एजेंसी है, ने अपनी 2025 की ग्लोबल रैंकिंग में एम्स के न्यूरोसर्जरी विभाग को विश्व में 11वां, एशिया में दूसरा और भारत में पहला स्थान प्रदान किया है।
यह मूल्यांकन 183 देशों के 14,131 विश्वविद्यालयों के बीच किया गया, जिसमें 11.52 करोड़ से अधिक वैज्ञानिक शोध पत्र और लगभग 296 करोड़ उद्धरणों का विश्लेषण किया गया। एडुरैंक ने अपने निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन के लिए ओपनएलेक्स डेटाबेस, आधुनिक सर्च इंजन और एलुमनाई स्कोर जैसे मापदंडों का उपयोग किया।
एम्स का न्यूरोसर्जरी विभाग, यूसीएलए लॉस एंजेल्स, यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग, जर्मनी की चारिटे-मेडिकल विश्वविद्यालय, फ्रांस की पियरे और मैरी क्यूरी विश्वविद्यालय, स्विट्जरलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ बर्न, नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे विश्वप्रसिद्ध संस्थानों से भी आगे निकल गया है।
विभाग के प्रमुख प्रो. पी सरत चंद्रा ने कहा कि इस विभाग की एक समृद्ध विरासत है। इस विभाग की स्थापना 1 मार्च 1965 को प्रो. पीएन टंडन और प्रो. एके बनर्जी द्वारा की गई थी। आज हम उनके द्वारा स्थापित नींव पर खड़े हैं। वर्तमान में यह दुनिया के सबसे बड़े न्यूरोसर्जरी विभागों में से एक है, जहां हर साल 6,000 से अधिक सर्जरी होती हैं। विभाग में 9 अत्याधुनिक ऑपरेटिंग रूम, 24 से अधिक फैकल्टी सदस्य, 38 रेज़िडेंट्स और 7 फेलोज हैं।
उन्होंने आगे कहा कि यह विभाग वे सभी आधुनिक सुविधाएं प्रदान करता है जो एक अत्याधुनिक विभाग में होनी चाहिए, जिनमें अत्याधुनिक ऑपरेटिंग रूम, रोबोटिक्स और गामा नाइफ शामिल हैं। हमारे पास एक अत्याधुनिक कौशल प्रशिक्षण प्रयोगशाला भी है, जो नवोदित न्यूरोसर्जनों को प्रशिक्षण देने के लिए सुसज्जित है।
उन्होंने यह भी बताया कि हमारे फेलोशिप कार्यक्रमों में मिर्गी और फंक्शनल न्यूरोसर्जरी, स्कल बेस और सेरेब्रोवास्कुलर सर्जरी, बच्चों की न्यूरोसर्जरी और स्पाइन सर्जरी जैसी उन्नत विशेषताएं शामिल हैं। हमारे संस्थापकों की परंपरा का पालन करते हुए, हमारा विभाग कनेक्टोमिक्स, इंट्रासेल्युलर-इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी और जीनोमिक्स सहित बुनियादी विज्ञान अनुसंधान की सुविधाएं भी उपलब्ध कराता है। हम नैदानिक और बुनियादी विज्ञान अनुसंधान में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में शोधपत्र प्रकाशित करते हैं, जिससे यह शायद दुनिया के कुछ गिने-चुने विभागों में से एक बन जाता है।