क्या पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में ईडी ने कारोबारी के घर पर छापा मारा?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने उत्तर 24 परगना में कारोबारी के घर पर छापा मारा।
- नीट पेपर लीक से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग मामला चल रहा है।
- संजीव मुखिया इस मामले का मास्टरमाइंड है।
- सीबीआई और ईडी दोनों मामले की जांच कर रहे हैं।
- छापेमारी में किसी भी तरह की बरामदगी नहीं हुई।
उत्तर 24 परगना, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम ने पश्चिम बंगाल में एक कारोबारी के निवास स्थान पर गुरुवार सुबह छापा मारा। काफी समय तक वहाँ रुकने के बाद, ईडी के अधिकारी दोपहर करीब 12 बजकर 7 मिनट पर कारोबारी के घर से बाहर आए।
जानकारी के अनुसार, उत्तर 24 परगना जिले में ईडी ने कारोबारी के खिलाफ कार्रवाई की। इच्छापुर के लक्ष्मीनाथ नगर क्षेत्र में कारोबारी के घर पर ईडी की टीम पहुँची थी। केंद्रीय बलों के साथ मिलकर ईडी ने कारोबारी के घर की जांच की। कुछ घंटों तक छानबीन के बाद अधिकारी वहाँ से चले गए। हालांकि, इस छापेमारी में किसी भी तरह की बरामदगी के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।
इसी बीच, वर्ष 2024 के नीट पेपर लीक से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी ईडी ने कार्रवाई की है। गुरुवार सुबह रांची के बरियातू, बिहार के पटना और नालंदा में कई ठिकानों पर छापे मारे गए। जानकारी के अनुसार, पेपर लीक के मास्टरमाइंड, बिहार निवासी संजीव मुखिया, उसके कई रिश्तेदार और करीबी ईडी की निगरानी में हैं।
ईडी ने गुरुवार को रांची में संजीव मुखिया के करीबी सिंकंदर प्रसाद यादवेंद्र और पटना में उसके बेटे शिव के ठिकानों पर दबिश दी।
जांच में संजीव मुखिया का नाम सामने आया था, जिसे 24-25 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में जेल में है। शुरुआत में पटना की आर्थिक अपराध इकाई इस मामले की जांच कर रही थी, जिसे बाद में सीबीआई को सौंपा गया। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद ईडी ने भी अपनी जांच शुरू की थी।
पेपर लीक मामले में सीबीआई ने झारखंड के हजारीबाग से ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल मोहम्मद इम्तियाज, पत्रकार जमालुद्दीन और एक गेस्ट हाउस के संचालक राजकुमार उर्फ राजू को गिरफ्तार किया था। सीबीआई की जांच में पुख्ता साक्ष्य मिले हैं कि नीट-यूजी के पेपर हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल से लीक हुए थे। यहीं से पेपर पटना भेजा गया था, जहाँ एक हॉस्टल में कई छात्रों से मोटी रकम लेकर उन्हें पेपर उपलब्ध कराए गए थे और उत्तर रटवाए गए थे।