क्या मतदाता सूची में बदलाव के 15 दिनों के भीतर मिलेगा ईपीआईसी?

सारांश
Key Takeaways
- ईपीआईसी जारी करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरित सेवा सुनिश्चित की जाएगी।
- मतदाता को हर चरण पर रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त होगा।
- नई एसओपी से सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- मतदाता सूची में किए गए अपडेट के साथ ईपीआईसी जनरेशन स्वतः शुरू होगी।
- चुनाव आयोग की प्राथमिकता मतदाता संतोष है।
नई दिल्ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। मतदाताओं की सुविधा को और बेहतर बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने एक नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) लागू की है। इसके तहत, मतदाता सूची में किसी भी प्रकार के अपडेट के 15 दिनों के भीतर मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) जारी किया जाएगा।
यह नई व्यवस्था मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू एवं डॉ. विवेक जोशी के नेतृत्व में शुरू की गई नागरिक-केंद्रित पहलों का हिस्सा है।
इसका लक्ष्य प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाना, देरी को कम करना और मतदाता सेवाओं को समयबद्ध, प्रभावी और ट्रैक योग्य बनाना है।
नई एसओपी के अनुसार, ईपीआईसी जारी करने की प्रक्रिया निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा ईपीआईसी तैयार करने से लेकर मतदाता के घर तक उसकी डिलीवरी को डिजिटल रूप से ट्रैक किया जाएगा। मतदाता को हर चरण पर एसएमएस के माध्यम से रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त होंगे।
इस प्रणाली के लिए ईसीआई ने हाल ही में लॉन्च किए गए ईसीआईनेट प्लेटफॉर्म में एक समर्पित आईटी मॉड्यूल तैनात किया है, जो पुराने सिस्टम की जगह लेगा और कार्यप्रणाली को अधिक कुशल बनाएगा।
ईपीआईसी की भौतिक डिलीवरी का कार्य डाक विभाग (डीओपी) के पास रहेगा। बेहतर समन्वय और वास्तविक समय में स्थिति जानने के लिए डाक विभाग का एपीआई भी ईसीआईनेट प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा, जिससे डेटा साझा करना और स्टेटस ट्रैक करना आसान हो जाएगा।
यह पहल न केवल तेज डिलीवरी सुनिश्चित करती है, बल्कि डेटा की सुरक्षा और अखंडता के प्रति आयोग की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करती है। ऑनलाइन या भौतिक फॉर्म के माध्यम से मतदाता सूची में किए गए हर अपडेट से ईपीआईसी जनरेशन और डिलीवरी की प्रक्रिया स्वतः शुरू हो जाएगी।
चुनाव आयोग ने कहा, “मतदाताओं को त्वरित और प्रभावी सेवाएं प्रदान करना आयोग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।” आयोग के अनुसार यह बदलाव डिजिटल परिवर्तन और वोटर-फर्स्ट नीतियों की दिशा में एक अहम कदम है।
पिछले चार महीनों में चुनाव आयोग ने कई आधुनिक और सरल सेवाएं शुरू की हैं और यह नई एसओपी मतदाताओं के संतोष स्तर को और अधिक बढ़ाएगी।