क्या आप फॉर्म 16 के जरिए आईटी रिटर्न भरने जा रहे हैं? इन चीजों को चेक करना न भूलें!

सारांश
Key Takeaways
- फॉर्म 16 नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है।
- सही जानकारी के बिना आईटीआर भरना कठिन हो सकता है।
- फॉर्म 16 के भाग ए और भाग बी को समझना आवश्यक है।
- टीडीएस और फॉर्म 26AS की जानकारी को क्रॉस चेक करें।
- सभी आंकड़ों में एकरूपता सुनिश्चित करें।
नई दिल्ली, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। फॉर्म 16 एक नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसमें सभी आवश्यक विवरण होते हैं, जिनके माध्यम से आप आसानी से अपना इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भर सकते हैं।
इस संदर्भ में, फॉर्म 16 के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है, ताकि आईटी रिटर्न भरने के बाद आपको टैक्स नोटिस आदि का सामना न करना पड़े।
फॉर्म 16 एक आधिकारिक दस्तावेज है, जो आपके नियोक्ता द्वारा जारी किया जाता है। इसमें नौकरी करने वाले व्यक्ति की आय, काटे गए टैक्स, छूट और पूरी वित्तीय प्रोफाइल शामिल होती है।
यह एक वैध दस्तावेज है, जो यह प्रमाणित करता है कि आपकी कर योग्य आय से टैक्स की कटौती करके सरकार को जमा कर दिया गया है।
विशेष मामलों में, पेंशन और ब्याज से आय अर्जित करने वाले 75 वर्ष के वरिष्ठ नागरिकों को बैंक और वित्तीय संस्थान यह फॉर्म जारी करते हैं।
फॉर्म 16 के दो भाग होते हैं। पहला भाग - ए, जिसमें पैन की जानकारी, नियोक्ता का टैन, प्राप्त सैलरी और काटा गया टीडीएस शामिल होता है।
दूसरा भाग - बी, जिसमें टैक्स फाइलिंग की जानकारी होती है। इसमें कुल आय, छूट (एचआरए और एलटीए आदि), कटौती (80सी और 80डी आदि) और कुल देय टैक्स की राशि शामिल होती है।
यदि आप फॉर्म 16 के माध्यम से आईटीआर भरने की योजना बना रहे हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण बातों की जाँच करना न भूलें।
सबसे पहले, पैन विवरण, अपना नाम, नियोक्ता का टैन आदि को सही से वेरिफाई करें। यदि इनमें से किसी में भी गलती होती है, तो आपका आईटीआर रिजेक्ट हो सकता है। अपने सैलरी ब्रेकअप को पे-स्लिप के साथ मिलाकर सुनिश्चित करें कि सभी आंकड़ों में एकरूपता हो। फॉर्म 16 के कटौती सेगमेंट में हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), लीव ट्रैवल अलाउंस (एलटीए) और सेक्शन 80डी/80सी क्लेम की सभी जानकारी आपकी वास्तविक कटौती के अनुसार होनी चाहिए। टीडीएस आंकड़ों की भी फॉर्म 26एएस और एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) के साथ क्रॉस चेक करें।
फॉर्म 26एएस एक स्टेटमेंट है, जिसमें सभी टैक्स से जुड़ी जानकारियाँ होती हैं जैसे टैक्सपेयर का पैन नंबर, टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) और टीसीएस (टैक्स कलेक्ट एट सोर्स), एडवांस टैक्स और रिफंड आदि की जानकारी शामिल होती है। वहीं, एआईएस फॉर्म 26एएस में दी गई जानकारी का विस्तृत सारांश होता है।