क्या झारखंड के दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को विधानसभा में राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई?

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क्या झारखंड के दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को विधानसभा में राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई?

सारांश

झारखंड के दिवंगत शिक्षा एवं निबंधन मंत्री रामदास सोरेन को विधानसभा में राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई। राज्यपाल और कई नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। सोरेन का निधन राज्य के लिए एक अपूरणीय क्षति है। जानिए उनके योगदान और विदाई समारोह के बारे में।

Key Takeaways

  • रामदास सोरेन का निधन झारखंड के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
  • राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई।
  • उनका योगदान गरीबों और पिछड़ों के लिए महत्वपूर्ण था।
  • राज्यपाल और अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
  • उनकी सरलता और ईमानदारी को याद किया जाएगा।

रांची, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के दिवंगत शिक्षा एवं निबंधन मंत्री रामदास सोरेन को शनिवार सुबह झारखंड विधानसभा में राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर समेत कई मंत्री, विधायक और सांसदों ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

राज्यपाल ने कहा कि रामदास सोरेन का असामयिक निधन राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा परिजनों को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना की। रामदास सोरेन का शुक्रवार देर रात दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया था। उन्हें 12 दिन पहले ब्रेन स्ट्रोक के बाद गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था।

झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने अपने एक्स हैंडल पर भी लिखा, “मैं शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूँ। ईश्वर उन्हें इस पीड़ा को सहने की शक्ति प्रदान करें।“

55 वर्षीय सोरेन झारखंड सरकार में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता और निबंधन मंत्री थे। उनका पार्थिव शरीर सुबह 10 बजे दिल्ली से रांची पहुंचने के बाद सीधे विधानसभा परिसर ले जाया गया, जहां उन्हें राजकीय विदाई दी गई। उनका अंतिम संस्कार दोपहर बाद पूर्वी सिंहभूम स्थित उनके पैतृक आवास में होगा। राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि रामदास सोरेन न सिर्फ झारखंड आंदोलन के समर्पित सिपाही थे, बल्कि उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों-पिछड़ों के लिए समर्पित कर दिया था। उनके जाने से राज्य और झामुमो में एक बड़ी रिक्तता आई है, जिसे भरना आसान नहीं होगा।

झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि रामदास सोरेन का निधन प्रदेश की राजनीति एवं समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें एवं शोक संतप्त परिजनों को यह अपार दुख सहन करने की शक्ति दें।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि रामदास सोरेन का जाना अत्यंत दुखद है। बाबा वैद्यनाथ उनकी आत्मा को शांति और उनके परिजनों को यह असीम दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। झारखंड की पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने रामदास सोरेन के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनके योगदान और जनसेवा को सदैव याद किया जाएगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में धैर्य दें।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि आदिवासी समाज से आने वाले रामदास सोरेन अपनी सरलता, सादगी और ईमानदार जीवनशैली के लिए जाने जाते थे।

उन्होंने कहा कि “झारखंड आंदोलन के प्रणेता शिबू सोरेन के निधन के दुख से राज्य अभी उबरा भी नहीं था कि एक और जननेता का इस तरह जाना बेहद दुखद है।” भाजपा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र राय ने कहा कि सोरेन जमीन से जुड़े नेता थे और शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाई। उनका असमय निधन पूरे राज्य के लिए पीड़ादायी है। मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि रामदास सोरेन का जाना पूरे राज्य के लिए अपूरणीय क्षति थी। उनके जाने से जो रिक्तता आई है, उसे भर पाना मुश्किल होगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि रामदास सोरेन का असामयिक निधन केवल झारखंड के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण देश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षति है। उनकी जनसेवा और संघर्ष ने कई लोगों को प्रेरित किया। उनकी कमी को भरना मुश्किल होगा, लेकिन उनके कार्यों को याद रखना आवश्यक है।
NationPress
16/08/2025

Frequently Asked Questions

रामदास सोरेन का योगदान क्या था?
रामदास सोरेन ने झारखंड आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और गरीबों के लिए समर्पित रहे।
उनका निधन कब हुआ?
उनका निधन 15 अगस्त 2023 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हुआ।
राज्यपाल ने उनके निधन पर क्या कहा?
राज्यपाल ने इसे राज्य के लिए अपूरणीय क्षति बताया और शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं।