क्या झारखंड के शहीद जवान के परिजनों को 2.66 करोड़ की आर्थिक मदद मिली?

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क्या झारखंड के शहीद जवान के परिजनों को 2.66 करोड़ की आर्थिक मदद मिली?

सारांश

झारखंड के चाईबासा में शहीद जवान सुनील धान के परिवार को 2.66 करोड़ की सहायता मिली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सम्मानित करते हुए शहीद के बलिदान की सराहना की। जानिए इस दिल को छूने वाली कहानी के बारे में।

Key Takeaways

  • शहीद जवान सुनील धान का बलिदान महत्वपूर्ण है।
  • सरकार ने परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की।
  • मुख्यमंत्री ने शहीद के परिवार के प्रति संवेदनशीलता दिखाई।
  • शहीद के माता-पिता और पत्नी ने अपनी समस्याएँ साझा कीं।
  • राज्य सरकार शहीद परिवारों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।

रांची, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के चाईबासा में 12 अप्रैल, 2025 को नक्सल विरोधी अभियान के दौरान आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) की चपेट में आकर शहीद हुए स्पेशल टास्क फोर्स “झारखंड जगुआर” के जवान सुनील धान के परिजनों को 2 करोड़ 66 लाख 26 हजार 972 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को अपने आवासीय कार्यालय में शहीद जवान के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सम्मान एवं सहायता राशि प्रदान करते हुए राज्य की जनता की ओर से कृतज्ञता व्यक्त की।

सरकारी प्रावधान के अनुसार शहीद के परिजनों को जहां “स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पुलिस सैलरी पैकेज” के अंतर्गत 1 करोड़ 20 लाख रुपए का चेक सौंपा गया, वहीं गृह विभाग की ओर से 1 करोड़ 46 लाख 26 हजार 972 रुपए की राशि उनके बैंक अकाउंट में क्रेडिट की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षी सुनील धान ने राज्यवासियों की सेवा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। हम पूरे राज्य की ओर से उनकी शहादत को नमन करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार एक शहीद परिवार की पीड़ा को गहराई से समझती है। उन्होंने शहीद के परिजनों को हौसला देते हुए कहा कि राज्य सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है।

शहीद आरक्षी सुनील धान की 65 वर्षीय माता फगनी उराइन और 29 वर्षीय पत्नी गंदरी धान ने मुख्यमंत्री को अपनी पारिवारिक स्थिति से अवगत कराया। इस दौरान शहीद जवान के दो पुत्र प्रियांश धान (5) और अनिकेत धान (3) भी उनके साथ थे।

मुख्यमंत्री ने परिजनों से कहा कि वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने शहीद आरक्षी की पत्नी से कहा कि राज्य सरकार के प्रावधान के तहत आप चाहें तो अनुकंपा पर सरकारी नौकरी कर सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि शहीद के परिजनों को पेंशन सहित अन्य लाभ से जोड़ें।

बता दें कि पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिला अंतर्गत छोटानागरा थाना क्षेत्र के रातामाटी गांव में सुरक्षा बलों की टीम जब नक्सलियों के विरुद्ध विशेष छापामारी अभियान में निकली थी, तो आईईडी की चपेट में आकर सुनील धान गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्हें एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने आखिरी सांस ली थी।

Point of View

बल्कि यह भी दिखाती है कि हमारे देश में शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ रही है। सरकार का यह कदम समाज में एक सकारात्मक संदेश देता है कि हम अपने नायकों को कभी नहीं भूलेंगे।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

शहीद जवान सुनील धान का बलिदान कब हुआ?
शहीद जवान सुनील धान का बलिदान 12 अप्रैल, 2025 को चाईबासा में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान हुआ।
परिवार को कितनी आर्थिक सहायता मिली?
परिवार को कुल 2 करोड़ 66 लाख 26 हजार 972 रुपए की आर्थिक सहायता मिली।
मुख्यमंत्री ने परिवार से क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने परिवार को समर्थन देने और बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया।
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