क्या झारखंड में राजद प्रदेश अध्यक्ष चुनाव में विवाद ने राजनीतिक माहौल को प्रभावित किया?

सारांश
Key Takeaways
- राजद अध्यक्ष पद के चुनाव में विवाद ने राजनीतिक हलचल मचाई।
- अभय कुमार सिंह और सदाकत हुसैन अंसारी के नामांकन रद्द हुए।
- संजय कुमार सिंह यादव एकमात्र उम्मीदवार रह गए हैं।
- हंगामे के कारण पुलिस को बुलाना पड़ा।
- राजनीतिक दलों में अंदरूनी कलह का संकेत मिलता है।
रांची, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष पद के चुनाव में विवाद उत्पन्न हो गया है। इस पद के लिए दावेदारी कर रहे तीन में से दो नेता, अभय कुमार सिंह और सदाकत हुसैन अंसारी, के नामांकन का पर्चा रविवार को स्क्रूटनी के दौरान चुनाव पदाधिकारी ने रद्द कर दिया।
इसके बाद प्रदेश कार्यालय में हंगामा मच गया और चुनाव पदाधिकारी को पुलिस बुलाना पड़ा। पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया रद्द करने की मांग को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को शिकायत की जाएगी। ऐसे में इस पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह यादव रह गए हैं। उनका फिर से चुना जाना लगभग निश्चित है।
संजय कुमार सिंह यादव पलामू जिले की हुसैनाबाद विधानसभा सीट से विधायक भी हैं। चुनाव के निश्चित शेड्यूल के अनुसार, नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा 19 जून को की जाएगी। चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए निर्वाची पदाधिकारी गिरधारी गोप ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए 14 जून को संजय कुमार सिंह यादव, अभय सिंह और सदाकत हुसैन अंसारी ने पर्चा दाखिल किया था।
स्क्रूटनी के दौरान पाया गया कि अभय सिंह और सदाकत हुसैन अंसारी के नामांकन प्रपत्र में प्रस्तावक के रूप में राज्य परिषद के किसी सदस्य का हस्ताक्षर नहीं था, जो पार्टी के नियमों के अनुसार अनिवार्य है। इस त्रुटि के कारण इन दोनों के नामांकन अमान्य कर दिए गए। पर्चा रद्द होने की जानकारी मिलते ही अभय सिंह और उनके समर्थकों ने जोरदार विरोध किया। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। सदाकत हुसैन अंसारी ने भी पर्चा रद्द करने के गलत तरीके से आरोप लगाया।
इससे पूर्व अभय सिंह लंबे समय तक प्रदेश राजद के अध्यक्ष रह चुके हैं। सदाकत हुसैन अंसारी भी पार्टी की प्रदेश इकाई में बड़े पदों पर रहे हैं। दोनों ने कहा कि चुनाव पदाधिकारी ने मनमानी की है। पार्टी की राज्य परिषद के लिए कोई चुनाव नहीं हुआ है। ऐसे में नामांकन पत्र में राज्य परिषद के किस सदस्य का प्रस्तावक के तौर पर हस्ताक्षर लिया जाता? उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत पार्टी के आलाकमान तक पहुंचाई जाएगी।