क्या कनिष्क बम विस्फोट एक दुर्घटना थी? : हरदीप सिंह पुरी

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क्या कनिष्क बम विस्फोट एक दुर्घटना थी? : हरदीप सिंह पुरी

सारांश

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कनिष्क बम विस्फोट के 40 साल पूरे होने पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने इसे एक सुनियोजित आतंकवादी हमला बताया। जानें इस घटना के पीछे की सच्चाई और भारत के आतंकवाद से निपटने के प्रयास।

Key Takeaways

  • कनिष्क बम विस्फोट एक सुनियोजित आतंकवादी हमला था।
  • 329 निर्दोष लोगों की जान गई थी।
  • भारत की जीरो टॉलरेंस नीति आतंकवाद के खिलाफ है।
  • आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का काला दौर था।
  • हरदीप सिंह पुरी का बयान सच्चाई को उजागर करता है।

चंडीगढ़, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एयर इंडिया फ्लाइट 182 (कनिष्क) बम विस्फोट के 40 साल पूरे होने पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने इसे कनाडा की धरती पर एक सुनियोजित बम विस्फोट बताया।

हरदीप सिंह पुरी ने चंडीगढ़ में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि उस समय इस घटना को दुर्घटना मान लिया गया था। लेकिन, यह एक दुर्घटना नहीं थी, यह एक सुनियोजित बम विस्फोट था। चालीस साल पहले जो हुआ, वो सभी को याद है। 1985 में, जब यह भयानक घटना हुई थी, तब 329 निर्दोष लोगों की जान गई थी। कई लोगों ने इसे दुर्घटना कहने की कोशिश की थी, लेकिन यह कैसे दुर्घटना हो सकती है जब कनाडा की धरती पर बम रखा गया था।

उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि अब लोग भी इसे बम विस्फोट मानते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने आतंकवाद पर कहा, "भारत के प्रतिनिधि जहां भी जाते हैं, आतंकवाद पर हमारा रुख स्पष्ट है। मैंने स्वयं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधक समिति की अध्यक्षता की है। हमने हमेशा आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति का समर्थन किया है।"

उन्होंने आपातकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि 50 वर्ष पहले 25 जून 1975 को लगाया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दौर था। उस समय हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला किया गया, संविधान की अवहेलना हुई, नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया, और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया गया।

इसके अलावा, उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया है, जो आपातकाल की भयावहता को दर्शाती है, जो भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक काला धब्बा है, जिसने संविधान में निहित मूल्यों को कुचल दिया और एक समृद्ध लोकतंत्र के लिए पवित्र मानी जाने वाली हर चीज को गंभीर झटका दिया।"

Point of View

जो हमें यह याद दिलाता है कि आतंकवाद केवल एक घटना नहीं, बल्कि एक गहरी समस्या है। हमें हमेशा सच को उजागर करना चाहिए और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए। यह लेख हमें सामान्य जन के दृष्टिकोण से इस घटना को समझने में मदद करता है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

कनिष्क बम विस्फोट कब हुआ?
कनिष्क बम विस्फोट 23 जून 1985 को हुआ था।
इस बम विस्फोट में कितने लोग मारे गए थे?
इस बम विस्फोट में 329 निर्दोष लोग मारे गए थे।
हरदीप सिंह पुरी ने इस घटना के बारे में क्या कहा?
हरदीप सिंह पुरी ने इसे कनाडा की धरती पर एक सुनियोजित बम विस्फोट बताया।
भारत का आतंकवाद के प्रति क्या रुख है?
भारत का आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है।
आपातकाल कब लगाया गया था?
आपातकाल 25 जून 1975 को लगाया गया था।