क्या कर्नाटक विधान परिषद ने हेट स्पीच और हेट क्राइम्स प्रिवेंशन बिल 2025 पारित किया?

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क्या कर्नाटक विधान परिषद ने हेट स्पीच और हेट क्राइम्स प्रिवेंशन बिल 2025 पारित किया?

सारांश

कर्नाटक विधान परिषद ने हेट स्पीच और हेट क्राइम (रोकथाम एवं नियंत्रण) बिल, 2025 को पारित किया है। यह विधेयक घृणास्पद भाषण और घृणा अपराधों को रोकने के उद्देश्य से लाया गया है, और इसके तहत सख्त दंड का प्रावधान है। जानें इस महत्वपूर्ण खबर के बारे में।

Key Takeaways

  • कर्नाटक विधान परिषद ने हेट स्पीच और हेट क्राइम प्रिवेंशन बिल, 2025 को पारित किया।
  • इस बिल का उद्देश्य घृणास्पद भाषण और घृणा अपराधों को रोकना है।
  • हेट क्राइम में दोषी पाए जाने पर तीन साल की कैद या 5000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
  • बिल का विरोध भी हुआ, लेकिन परिषद अध्यक्ष ने इसे पारित किया।
  • सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी के लिए विशेष इकाइयां गठित की गई हैं।

बेंगलुरु, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक विधान परिषद ने अब कर्नाटक हेट स्पीच और हेट क्राइम (रोकथाम एवं नियंत्रण) बिल, 2025 को पारित किया है, जो पहले विधानसभा से पारित हो चुका था।

कर्नाटक विधान परिषद में शुक्रवार को भाजपा और कांग्रेस सदस्यों के बीच हेट स्पीच रेगुलेशन बिल को लेकर तीखी चर्चा हुई, जिससे हंगामा उत्पन्न हो गया। गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि यह प्रस्तावित बिल राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित नहीं है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य घृणास्पद भाषण और घृणा अपराधों को रोकना है। भाजपा एमएलसी सीटी रवि ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि यदि आज राज्य में चुनाव होते, तो पार्टी जीत नहीं पाती। विपक्षी सदस्य सदन में घुसकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बावजूद, परिषद अध्यक्ष बसवराज होरट्टी ने विधेयक को पारित कर दिया।

इससे पहले उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि विधानसभा में हेट स्पीच रेगुलेशन बिल को पेश करना 'राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने' के लिए सरकार का एक हिस्सा है।

बिल में हेट क्राइम की परिभाषा दी गई है कि यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय, लिंग, जेंडर, यौन अभिविन्यास, जन्म स्थान, निवास, भाषा, दिव्यांगता, जनजाति या पीड़ित के परिवार के सदस्य की विशेषताओं के आधार पर नुकसान पहुंचाता है या घृणा फैलाता है, तो वह हेट क्राइम का दोषी होगा।

यह विधेयक कांग्रेस सरकार ने मंगलुरु में हुई बदले की हत्याओं की श्रृंखला के बाद तैयार किया, जिसने राष्ट्रीय चिंता पैदा की थी। आगे की हिंसा को रोकने के लिए एक विशेष बल गठित किया गया है और संभावित अशांति फैलाने वाली सोशल मीडिया गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए समर्पित इकाइयां बनाई गई हैं।

इस बिल के तहत हेट क्राइम में दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की कैद, 5000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। यह अपराध असंज्ञेय (नॉन-कॉग्निजेबल) और गैर-जमानती होगा और इसे प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा सुना जाएगा।

हेट स्पीच के मामलों में भी तीन साल तक की कैद या 5000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। यह अपराध भी असंज्ञेय और गैर-जमानती होगा। बार-बार अपराध करने पर 10 साल तक की कैद का प्रस्ताव है।

Point of View

2025 एक महत्वपूर्ण कदम है जो समाज में बढ़ती घृणा और हिंसा को रोकने के लिए उठाया गया है। यह विधेयक राजनीतिक विरोधाभासों से परे जाकर सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक ठोस पहल है।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

कर्नाटक हेट स्पीच और हेट क्राइम प्रिवेंशन बिल, 2025 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस बिल का मुख्य उद्देश्य घृणास्पद भाषण और घृणा अपराधों को रोकना है।
इस बिल के तहत हेट क्राइम का दोषी पाए जाने पर क्या सजा हो सकती है?
हेट क्राइम में दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की कैद या 5000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
क्या यह बिल राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है?
गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा है कि यह बिल राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित नहीं है।
इस बिल में हेट स्पीच के लिए क्या सजा निर्धारित की गई है?
हेट स्पीच के मामलों में भी तीन साल तक की कैद या 5000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
कांग्रेस सरकार ने इस बिल को क्यों पेश किया?
कांग्रेस सरकार ने इस बिल को मंगलुरु में हुई बदले की हत्याओं के बाद पेश किया।
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