क्या केवीआईसी ने देशभर में 11,480 सेवा क्षेत्र के लाभार्थियों को 300 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी?

सारांश
Key Takeaways
- 300 करोड़ रुपए की सब्सिडी का वितरण किया गया।
- 11,480 लाभार्थियों को सहायता मिली।
- यह योजना आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है।
- सभी छह जोन में कार्यक्रम लागू है।
- यह सामाजिक आंदोलन का रूप ले चुकी है।
नई दिल्ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत देशभर में 11,480 सेवा क्षेत्र के लाभार्थियों को 300 करोड़ रुपए की मार्जिन मनी सब्सिडी प्रदान की।
केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘आत्मनिर्भर एवं विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को मान्यता मिल रही है और पीएमईजीपी योजना इसका मजबूत स्तंभ बन गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि यह योजना केवल वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन भी बन गई है जो लाखों युवाओं, महिलाओं और कारीगरों को स्वरोजगार और उद्यमिता से जोड़ रही है।
उन्होंने कहा कि हर गांव में रोजगार और आत्मनिर्भरता उत्पन्न करने में इस योजना की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। इस वितरण कार्यक्रम में देश के सभी छह जोन ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
सेंट्रल जोन के तहत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में कुल 2,403 परियोजनाओं के लिए 72 करोड़ रुपए की सब्सिडी वितरित की गई, जिसके लिए कुल 218 करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत किया गया।
पूर्वी जोन में बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में 996 परियोजनाओं के लिए 22 करोड़ रुपए की सब्सिडी वितरित की गई, जबकि ऋण स्वीकृति लगभग 71 करोड़ रुपए थी।
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के लिए कुल 2,713 परियोजनाओं को 61 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई और इन परियोजनाओं के लिए 184 करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत किया गया।
पूर्वोत्तर क्षेत्र की 81 परियोजनाओं को 2 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिली, जिसमें असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा जैसे राज्य शामिल हैं।
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के लिए 4,565 परियोजनाओं को कवर करते हुए 116 करोड़ रुपए की सब्सिडी वितरित की गई, जबकि इन परियोजनाओं के लिए 343 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण स्वीकृत किए गए।
महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा जैसे पश्चिमी क्षेत्र के राज्यों में, कुल 722 परियोजनाओं के लिए 82 करोड़ रुपए के ऋण स्वीकृति के मुकाबले 26 करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी वितरित की गई।