क्या अखिलेश और तेजस्वी को सोनिया की तरह ईरान का समर्थन करना चाहिए? - शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी

सारांश
Key Takeaways
- सोनिया गांधी ने ईरान का समर्थन किया है।
- राजनीतिक नेताओं को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
- ईरान में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी जरूरी है।
- सभी नेताओं को मुस्लिम मुद्दों पर खुलकर बोलना चाहिए।
बरेली, २२ जून (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा ईरान-इजरायल संघर्ष पर लिखे गए लेख के संदर्भ में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है।
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने रविवार को कहा, "कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने ईरान का समर्थन करते हुए एक लेख लिखा है। यह उनकी जिम्मेदारी थी कि वे भारत की फॉरेन पॉलिसी में छवि को सुरक्षित रखें। मुझे लगता है कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को भी अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए। चाहे वह समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव हों या तेजस्वी यादव, उन्हें खुलकर मुस्लिमों के मुद्दों पर अपनी आवाज उठानी चाहिए और ईरान का समर्थन करना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "ये नेता मुसलमानों का वोट लेते हैं, लेकिन जब मुस्लिमों के समर्थन की बात आती है, तो वे (अखिलेश यादव) चुप्पी साध लेते हैं। अखिलेश तो ट्विटर पर भी कुछ नहीं बोलते और केवल बंद कमरों में बैठकर आराम करते हैं। उन्हें मुस्लिमों के मुद्दों में कोई रुचि नहीं है। लेकिन अगर समाजवादी पार्टी का कोई कार्यकर्ता गिरफ्तार होता है, तो वह खुद डीजीपी ऑफिस जाकर धरना देते हैं। कांग्रेस खुलकर मुसलमानों का समर्थन कर रही है, जबकि अखिलेश और तेजस्वी छिपते रहते हैं।"
ऑपरेशन सिंधु के संदर्भ में, मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा, "ईरान में फंसे छात्रों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए भारत ने एक प्रशंसनीय कदम उठाया है। हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है और यह भारत सरकार की जिम्मेदारी थी। ईरान में मौजूदा तनाव को देखते हुए भारतीयों की निकासी एक महत्वपूर्ण मुद्दा था, और भारत सरकार ने इसे गंभीरता से संभाला है।"