क्या अमेरिका के रिएक्‍शन के बाद पीएम मोदी और ट्रंप की वार्ता की सच्‍चाई सामने आएगी? : राशिद अल्वी

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क्या अमेरिका के रिएक्‍शन के बाद पीएम मोदी और ट्रंप की वार्ता की सच्‍चाई सामने आएगी? : राशिद अल्वी

सारांश

क्या अमेरिका की प्रतिक्रिया से पीएम मोदी और ट्रंप की बातचीत की सच्‍चाई का खुलासा होगा? जानें इस वार्ता के निहितार्थ और राशिद अल्वी के विचार।

Key Takeaways

  • राशिद अल्वी ने ट्रंप के साथ पीएम मोदी की बातचीत पर संदेह व्यक्त किया।
  • अमेरिका की प्रतिक्रिया वार्ता की सच्‍चाई का खुलासा करेगी।
  • भारत ने कभी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया है।
  • कनाडा के सांसदों ने जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी के आमंत्रण का विरोध किया।
  • सीजफायर के संदर्भ में राजनीतिक स्तर पर कोई बातचीत नहीं हुई है।

नई दिल्‍ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि अमेरिका की प्रतिक्रिया के बाद ही सच्‍चाई का खुलासा होगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार, ट्रंप से बातचीत में पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत ने कभी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है और भविष्य में भी ऐसी मध्यस्थता को नहीं स्वीकार करेगा।

राशिद अल्वी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान दोनों विश्व नेताओं के बीच वार्ता की सराहना की, लेकिन यह भी कहा कि अमेरिका की तरफ से प्रतिक्रिया आने के बाद ही सच्‍चाई का पता चल पाएगा। उन्होंने कहा, "यह बहुत अच्छी बात है कि दोनों नेताओं ने बातचीत की है। कनाडा में राष्ट्रपति ट्रंप पीएम मोदी से मिले बिना ही वापस अपने देश चले गए।"

उन्‍होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप की बातचीत के बाद अमेरिका की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हमें इंतजार रहेगा कि अमेरिका इस बातचीत पर क्या कहता है। उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच बातचीत की जानकारी भारत के गृह सचिव ने दी है। गृह सचिव ने पहले भी कहा था कि भारत ने पाकिस्‍तान पर हमला करने से पहले बता दिया था, लेकिन बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। गृह सचिव के बयान पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता।

दूसरी तरफ, उन्होंने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि कनाडा के सांसदों ने जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित करने का विरोध किया है। उन्‍होंने कहा कि यह बेइज्‍जती प्रधानमंत्री की नहीं, बल्कि भारत की है। प्रधानमंत्री मोदी इस बात को कैसे स्‍पष्‍ट करेंगे कि सीजफायर अमेरिका के दबाव में नहीं किया गया है।

उन्‍होंने सीजफायर लागू करने के सवाल पर कहा कि सीजफायर को लेकर राजनीतिक स्तर पर कोई बात नहीं हुई है। आप कह रहे हैं कि पाकिस्‍तान के डीजीएमओ के फोन के बाद सीजफायर लागू करने का फैसला दोनों देशों ने लिया है। देश की जनता को धोखा दिया जा रहा है, उन्‍हें अंधेरे में रखा जा रहा है।

उन्‍होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जारी रहने पर सवाल उठाया है। उन्‍होंने कहा कि हाफिज सईद और अजहर मसूद जिंदा हैं, और इन सबका आका अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ लंच कर रहा है, यह कैसा आपका 'ऑपरेशन सिंदूर' है? अगर ऑपरेशन जारी है तो आगे बढ़ें।

Point of View

यह स्पष्ट है कि हमें अपने देश के हितों के बारे में सजग रहना चाहिए। पीएम मोदी और ट्रंप के बीच वार्ता का उद्देश्‍य भारत की सुरक्षा और सम्मान को बनाए रखना है। हमें अमेरिका की प्रतिक्रिया का इंतज़ार करना चाहिए ताकि हम आगे की रणनीतियों को समझ सकें।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

पीएम मोदी और ट्रंप के बीच हुई वार्ता का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करना और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करना था।
राशिद अल्वी ने अमेरिका की प्रतिक्रिया पर क्या कहा?
राशिद अल्वी ने कहा कि अमेरिका की प्रतिक्रिया के बाद ही वार्ता की सच्‍चाई का पता चलेगा।
क्या भारत ने कभी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार की है?
नहीं, पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत ने कभी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया है।