क्या भाजपा की सरकार के मंत्रियों के बयान से देशवासी दुखी हैं? : प्रमोद तिवारी

सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार पर निजीकरण का आरोप
- भाजपा की सरकार के मंत्री और विधायक पर सवाल
- पुणे पुल हादसे की संवेदनाएँ
- जाति जनगणना की महत्वता
- गलवान घाटी के वीर जवानों को श्रद्धांजलि
नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसा, केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश और पुणे पुल हादसे को लेकर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार के तहत जिस प्रकार का निजीकरण हुआ है, आज इसके नतीजे देश को भुगतने पड़ रहे हैं।
कांग्रेस सांसद ने सोमवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि जब बंगाल में एक पुल गिरा था, तो पीएम मोदी ने कहा था कि ममता बनर्जी की सरकार को जाना होगा। यदि हम हाल की घटनाओं पर ध्यान दें, तो अहमदाबाद, उत्तराखंड और पुणे में जो हादसे हुए हैं, वहां भाजपा की सरकार है। क्या इसका मतलब यह है कि इनकी सरकार भी जाने वाली है?
उन्होंने पुणे पुल हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। पुल जर्जर था, लेकिन मंत्री और विधायक घटनास्थल पर जिस प्रकार से बोल रहे हैं, उससे देशवासियों में गहरा दुख है, मुझे भी बेहद पीड़ा हो रही है।
गलवान घाटी में झड़प के पांच साल पूरे होने पर प्रमोद तिवारी ने कहा कि मैं गलवान के उन साहसी जवानों को श्रृद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
जाति जनगणना 2027 के संदर्भ में केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक अधिसूचना जारी होने पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत की जनता और इंडिया ब्लॉक को बधाई। राहुल गांधी ने हर मंच पर सरकार को चुनौती दी थी और संसद में कहा था कि यदि पीएम मोदी जाति जनगणना नहीं कराएंगे, तो हम सरकार में आकर इसे कराएंगे। अंततः सरकार को राहुल गांधी के सामने झुकना पड़ा। यह जीत राहुल गांधी के दृढ़ संकल्प की जीत है। भाजपा सरकार ईमानदार नहीं है और राजनीतिक रूप से बेईमान है। मैं यह कहना चाहता हूं कि जातिगत जनगणना तेलंगाना मॉडल पर होनी चाहिए।
हालिया हादसे इस बात का संकेत हैं।