क्या कांग्रेस को कन्फ्यूजन के कुंड और कॉन्सपिरेसी के झुंड से बाहर निकलना चाहिए? : मुख्तार अब्बास नकवी

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस को अपनी हार स्वीकार करनी चाहिए।
- प्रधानमंत्री मोदी ने कभी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की।
- कांग्रेस की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है।
- ईरान-इजरायल युद्ध में फंसे भारतीयों को लाने का अभियान चल रहा है।
- राजनीतिक स्थिति में बदलाव जरूरी है।
नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जब देश के अधिकांश विपक्षी दल प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े हैं, तो कांग्रेस को प्रधानमंत्री पर विश्वास नहीं है। कांग्रेस को कन्फ्यूजन के कुंड और कॉन्सपिरेसी के झुंड से बाहर निकलना चाहिए।
उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से कांग्रेस कभी प्रधानमंत्री मोदी को नकार रही है, मुझे नहीं लगता कि इस पार्टी के लिए भविष्य में किसी भी तरह की सकारात्मकता संभव है। कांग्रेस को अपनी सोच में बदलाव लाना होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपनी हार की कुंठा से बाहर निकलना चाहिए। उसे यह मानना होगा कि देश की जनता ने अब उसे पूर्णतः खारिज कर दिया है। समस्या यह है कि कांग्रेस अपनी हार नहीं स्वीकार कर पा रही है, जिसके चलते उसकी स्थिति बिगड़ती जा रही है। वर्तमान में कांग्रेस की विश्वसनीयता पूरी तरह समाप्त हो चुकी है।
इसके अलावा, मध्यस्थता के मुद्दे पर नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कभी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया है। भारत हर समस्या का हल निकालने की क्षमता रखता है।
उन्होंने ट्रंप के मध्यस्थता के बयान पर भी टिप्पणी की, यह बताते हुए कि कुछ लोग श्रेय लेने की होड़ में गड़बड़ी कर देते हैं। लेकिन हम ऐसे बयानों को स्वीकार नहीं कर सकते।
उन्होंने ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी का अभियान भी जारी बताया। अब तक कई भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाया जा चुका है, जो प्रधानमंत्री मोदी की संवेदनशीलता को दर्शाता है।