क्या नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन भारत को तकनीकी विकास के भविष्य के लिए तैयार करेगा?

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क्या नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन भारत को तकनीकी विकास के भविष्य के लिए तैयार करेगा?

सारांश

क्या नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन भारत को एक नई तकनीकी दिशा में ले जाएगा? जानें कैसे यह ऐतिहासिक पहल देश के खनिज संसाधनों का संरक्षण और विकास सुनिश्चित करेगी।

Key Takeaways

  • महत्वपूर्ण खनिजों की सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना
  • इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग को मजबूत करना
  • 2031 तक 500 बिलियन डॉलर का उत्पादन लक्ष्य
  • सस्टेनेबल विकास के लिए कार्य योजना बनाना
  • राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाना

नई दिल्ली, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उद्योग जगत ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (एनसीएमएम) के औपचारिक शुभारंभ पर सरकार और खान मंत्रालय की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक पहल भारत के महत्वपूर्ण खनिजों तक सुरक्षित, सस्टेनेबल और प्रतिस्पर्धी पहुंच की दिशा में एक रणनीतिक मोड़ है।

एनसीएमएम की शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2024-25 में महत्वपूर्ण खनिजों पर केंद्रित एक मिशन स्थापित करने की घोषणा से हुई है।

औपचारिक अधिसूचना एडवांस और रणनीतिक टेक्नोलॉजी पर केंद्रित औद्योगिक नीति के लिए एक स्ट्रक्चर्ड, मिशन-मोड अप्रोच की शुरुआत का संकेत देती है।

सेमीकंडक्टर, स्मार्टफोन, सर्वर, प्रेसिजन टूल्स, टेलिकॉम इक्विपमेंट, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, बैटरी और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों के लिए 'महत्वपूर्ण खनिज' आवश्यक हैं।

ये इनपुट औद्योगिक ताकत और राष्ट्रीय मजबूती को रेखांकित करते हैं। भू-राजनीतिक और रणनीतिक व्यापार नियंत्रण के कारण ग्लोबल सप्लाई चेन कमजोर बनी हुई हैं।

इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने बताया, "एनसीएमएम एक आधारभूत कदम है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर खनिज-गहन क्षेत्र हैं। यह मिशन भविष्य के लिए हमारी तैयारी के लिए दूरदर्शिता, उद्देश्य और संरचना लाता है।"

भारत तकनीकी विकास के एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है। 2024-25 में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 138 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा, जिसमें मोबाइल फोन का योगदान 64 बिलियन डॉलर होगा।

सेमीकंडक्टर, एडवांस्ड पैकेजिंग, ईवी, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे नए क्षेत्र बड़े पैमाने पर विकसित होने के लिए तैयार हैं। इन क्षेत्रों को दुर्लभ पृथ्वी, लिथियम, कोबाल्ट, निकेल, टंगस्टन, टैंटलम और गैलियम की विश्वसनीय आपूर्ति की आवश्यकता होती है। कोई भी देरी या व्यवधान राष्ट्रीय उद्देश्यों को पटरी से उतार सकता है।

यह मिशन महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने वित्त वर्ष 2031 और उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में 500 बिलियन डॉलर का लक्ष्य रखा है। एक सुरक्षित और प्रतिस्पर्धी महत्वपूर्ण खनिज इकोसिस्टम का निर्माण एक दीर्घकालिक रणनीतिक आवश्यकता है।

मोहिंद्रू ने कहा, "हमें गति और स्पष्टता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। भारत के पास मजबूती बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। वैश्विक उदाहरण देरी से प्रतिक्रिया के परिणाम दिखाते हैं। यह मिशन एक नया औद्योगिक अध्याय खोल सकता है। आईसीईए पूरी तरह से सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।"

Point of View

बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वावलंबन में भी सुधार होगा।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन क्या है?
यह एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य भारत में महत्वपूर्ण खनिजों की सुरक्षित और प्रतिस्पर्धी पहुंच सुनिश्चित करना है।
इस मिशन का महत्व क्या है?
यह मिशन औद्योगिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति को सुनिश्चित करता है।
क्या इससे भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को फायदा होगा?
हां, यह मिशन इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग को मजबूती प्रदान करेगा।
इस मिशन का लक्ष्य क्या है?
इसका लक्ष्य 2031 तक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में 500 बिलियन डॉलर की उपलब्धि है।
क्या यह मिशन दीर्घकालिक है?
जी हां, यह एक दीर्घकालिक रणनीतिक आवश्यकता के तहत स्थापित किया गया है।