क्या भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर में ट्रंप की भूमिका पर बहस खत्म हो गई?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद सीजफायर हुआ।
- डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को भारत ने नकारा।
- सरकार को ईरान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित लाने का प्रयास करना चाहिए।
- राजनीतिक नेताओं ने ट्रंप के बयानों पर आपत्ति जताई है।
- प्रधानमंत्री को आगामी संसद सत्र में स्पष्टीकरण देना चाहिए।
नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल यूनाईटेड के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद सीजफायर में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका की चर्चा को अब समाप्त कर देना चाहिए। भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सीजफायर में ट्रंप का कोई योगदान नहीं था।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में केसी त्यागी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा कहा है कि पाकिस्तान के डीजीएमओ के निर्देश पर युद्धविराम हुआ। यह भ्रम दूर होना चाहिए कि ट्रंप की मध्यस्थता के चलते भारत-पाक के बीच सीजफायर हुआ।"
ईरान-इजरायल संघर्ष के दौरान ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के संदर्भ में केसी त्यागी ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वहां मौजूद सभी भारतीय, जिनमें छात्र भी शामिल हैं, सुरक्षित रूप से भारत लौटें।
समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ समय से भारत के प्रति गैर जिम्मेदाराना बयान दिए हैं। उन्होंने पहले कहा था कि व्यापार के दबाव से उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया। उनके इस बयान के बाद वह चुप रहे, लेकिन अब फिर से हमारे प्रधानमंत्री के प्रति आपत्तिजनक रवैया अपनाया है।"
नदवी ने कहा कि ट्रंप को पता था कि नरेंद्र मोदी जी7 की बैठक के लिए कनाडा जा रहे हैं। फिर भी वह वहां से निकल गए। उनका यह तरीका अपमानजनक था।
उन्होंने कहा, "डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष आसिम मुनीर से गुप्त वार्ता करना दर्शाता है कि वह भारत के प्रति उतने गंभीर नहीं हैं जितने दूसरे देशों के लिए हैं। यह बेहद दुखद है। हमें उम्मीद है कि आगामी संसद सत्र में प्रधानमंत्री उन कारणों का खुलासा करेंगे, जिनकी वजह से उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है।"