क्या यूएन में गाजा पर वोटिंग से भारत की दूरी सरकार के नैतिक पतन का उदाहरण है?

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क्या यूएन में गाजा पर वोटिंग से भारत की दूरी सरकार के नैतिक पतन का उदाहरण है?

सारांश

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने यूएन में गाजा पर वोटिंग से भारत की दूरी को केंद्र सरकार के नैतिक पतन का स्पष्ट उदाहरण बताया। जानिए इस मुद्दे पर उन्होंने और क्या कहा है।

Key Takeaways

  • भारत की यूएन में गाजा पर मतदान में अनुपस्थिति
  • कांग्रेस का सरकार पर हमला
  • प्रधानमंत्री मोदी के विदेशी दौरे की आलोचना
  • हवाई हादसों पर लोगों की चिंताएं
  • ईरान में फंसे बच्चों की स्थिति

नई दिल्ली, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में गाजा में संघर्ष विराम के लिए प्रस्ताव पर मतदान से भारत की दूरी बनाने को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि इस तरह के महत्वपूर्ण मुद्दे पर वोटिंग से दूरी बनाना हमारी विदेश नीति और सरकार के नैतिक पतन का एक स्पष्ट उदाहरण है।

उन्होंने रविवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह स्थिति हैरान करने वाली और चिंताजनक है। जिस देश की विदेश नीति को पूरी दुनिया मान्यता देती है, उस देश ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर वोटिंग में भाग क्यों नहीं लिया? यह हमारी विदेश नीति और सरकार के नैतिक पतन का एक स्पष्ट प्रमाण है।

पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी दौरे पर भी टिप्पणी की, कहा कि पिछले 11 वर्षों में हमने देखा है, पीएम मोदी हमेशा कहते हैं कि वह इधर-उधर जाते हैं, लेकिन खाली हाथ लौटते हैं। विदेश नीति कोई फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता नहीं है, जहां विभिन्न देशों में जाकर गले मिलना या नई भाषाओं में बोलना ही प्राथमिकता हो।

उन्होंने अहमदाबाद में हाल के हवाई हादसे पर चिंता जताई, कहा कि लोग सहमे हुए हैं और सरकार से कई सवाल हैं। डॉक्टर कठिन परिस्थितियों में मरीजों का इलाज कर रहे हैं, लेकिन लोग चाहते हैं कि सरकार और भी संवेदनशील हो। गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी के रवैये से लोगों को निराशा हुई है।

इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर भी उन्होंने कहा कि ईरान में 1,500 बच्चे फंसे हुए हैं, लेकिन भारतीय दूतावास ने इस मामले में केवल सोशल मीडिया पर प्रचार किया और फिर गायब हो गया।

उन्होंने केदारनाथ हवाई हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर सेवा बंद कर दी गई है, और यह बार-बार होने वाली घटनाओं की जांच होनी चाहिए।

Point of View

हमारा दृष्टिकोण यह है कि भारत की विदेश नीति को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है, और इस तरह के मुद्दे पर निष्क्रियता से भारत की छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
NationPress
20/06/2025

Frequently Asked Questions

भारत ने यूएन में गाजा पर वोटिंग में क्यों भाग नहीं लिया?
कांग्रेस ने इसे सरकार के नैतिक पतन का उदाहरण बताया है।
पवन खेड़ा ने किस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की?
उन्होंने गाजा में भारतीय स्थिति के साथ-साथ अहमदाबाद हवाई हादसे पर भी चिंता व्यक्त की।