क्या जितेंद्र आव्हाड ने नितेश राणे को चुनौती दी? भिंडी बाजार जाकर बोलें

सारांश
Key Takeaways
- भाषा का सम्मान करना चाहिए, यह हर नागरिक का कर्तव्य है।
- राजनीतिक बयानबाजी से समाज में तनाव बढ़ सकता है।
- भाईचारा और सौहार्द को बढ़ावा देना आवश्यक है।
मुंबई, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई में 'मराठी' न बोलने के कारण फूड स्टॉल के मालिक के साथ हुए झगड़े का मामला बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने मनसे के कार्यकर्ताओं को चुनौती दी कि यदि उनमें हिम्मत है तो टोपी और दाढ़ी वाले लोगों से मराठी बोलने के लिए कहें। इस पर एनसीपी (शरद चंद्र पवार) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने उन्हें चुनौती दी।
जितेंद्र आव्हाड ने नितेश राणे को जवाब देते हुए कहा, "अगर नितेश राणे में हिम्मत है, तो उन्हें भिंडी बाजार (मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र) जाकर यह कहना चाहिए, यह एक अच्छी शुरुआत होगी। लेकिन, उन्हें यहां आकर ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए, जो सिर्फ लोगों को भड़काती हो।"
जितेंद्र आव्हाड ने दिशा सालियान मामले पर भी नितेश राणे को जवाब दिया। उन्होंने कहा, "आदित्य ठाकरे को क्या करना चाहिए और जितेंद्र आव्हाड को क्या करना चाहिए, यह हम जानते हैं। दिशा सालियान मामले में जितनी चिल्लाहट मचाई गई, वो केवल ध्यान भटकाने का प्रयास था। सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं।"
उन्होंने चुटकी लेते हुए पूछा, "नितेश राणे की फिल्म आखिर कहां बन रही है?" अंत में उन्होंने राणे की सार्वजनिक टिप्पणियों को केवल 'ड्रामा' करार दिया।
इससे पहले, नितेश राणे ने फूड स्टॉल मालिक के साथ झगड़े पर सवाल उठाए थे। उन्होंने मनसे कार्यकर्ताओं को चुनौती दी कि गरीब हिंदुओं पर हाथ उठाने वालों को नलबजार और मोहम्मद अली रोड पर जाकर जिहादियों को पीटने की हिम्मत दिखानी चाहिए, क्योंकि उनके मुंह से कभी मराठी सुनने में नहीं आती।
राणे ने सवाल उठाए, "क्या ये गोल टोपी और दाढ़ी वाले मराठी बोलते हैं? जावेद अख्तर, आमिर खान ये लोग क्या मराठी बोलते हैं?" उन्होंने चेतावनी दी कि अगर गरीब और हिंदुओं पर कोई हाथ उठाएगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
इसी बीच, नितेश राणे ने दिशा सालियान केस पर कहा था, "पिक्चर अभी बाकी है।" उन्होंने कहा, "दिशा सालियान के पिता ने आदित्य ठाकरे और डिनो मोरिया के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इसलिए यह कोई राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मामला नहीं है और माननीय न्यायालय जल्द ही इस मामले पर उचित कार्रवाई करेगा।"
नितेश राणे के बयान पर शिवसेना (यूबीटी) ने भी प्रतिक्रिया दी। उद्धव ठाकरे गुट के नेता आनंद दुबे ने कहा, "पार्टी किसी भी प्रकार की मारपीट या हिंसा का समर्थन नहीं करती। हिंदी भाषी हों या गुजराती और मारवाड़ी, सभी हमारे देशवासी हैं और सालों से महाराष्ट्र में रहकर रोजगार कर रहे हैं।"
हालांकि, आनंद दुबे ने यह भी कहा, "दूसरों को भी मराठी भाषा सीखनी चाहिए। हमारी पार्टी मराठी सिखाने को भी तैयार है। भाजपा इस मुद्दे को भड़काकर राजनीति कर रही है, जबकि शिवसेना-यूबीटी सौहार्द और भाईचारे की पक्षधर है।"