क्या मुंबई में न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक घोटाले में एक और स्कैम का खुलासा हुआ है?

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क्या मुंबई में न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक घोटाले में एक और स्कैम का खुलासा हुआ है?

सारांश

मुंबई में न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक के 24.93 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। जांच में कई अन्य संदिग्ध गतिविधियों का भी पता चला है, जो बैंकिंग प्रणाली के लिए खतरा बन रही हैं। जानें इस घोटाले के पीछे की सच्चाई और इसकी गहराई में जाने वाला पूरा मामला।

Key Takeaways

  • न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक में 24.93 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।
  • ईओडब्ल्यू ने कई अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
  • जांच में 400 करोड़ रुपये के लोन के संदिग्ध सेटलमेंट का खुलासा हुआ है।
  • आरोपियों में हीरेन और गौरी भानु शामिल हैं।
  • जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और और भी खुलासे होने की संभावना है।

मुंबई, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में 24.93 करोड़ रुपये के आर्थिक घोटाले का खुलासा किया है। इस मामले में बैंक के पूर्व वाइस चेयरमैन हीरेन भानु और उनकी पत्नी तथा कार्यवाहक चेयरपर्सन गौरी भानु समेत कई अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 418 (धोखाधड़ी) और 120(बी) (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

ईओडब्ल्यू ने जांच के दौरान यह पाया कि बैंक में 122 करोड़ रुपये के गबन की तफ्तीश के बीच एक और बड़ा घोटाला उजागर हुआ है, जिसमें लगभग 400 करोड़ रुपये के लोन को वन-टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) के माध्यम से बंद किया गया। इस प्रक्रिया में बैंक अधिकारियों को किकबैक के रूप में बड़ी रकम मिलने का संदेह है। पुलिस के अनुसार, 274 लोन अकाउंट्स में ओटीएस दिया गया, जिनमें से 176 अकाउंट्स में 1 करोड़ रुपये से अधिक के लोन शामिल थे। ये सेटलमेंट्स बिना किसी पारदर्शिता के और संदिग्ध तरीके से किए गए, जिसने जांच एजेंसियों का ध्यान खींचा।

पुलिस ने बताया कि गहन जांच में सामने आया कि यह ओटीएस एक सुनियोजित घोटाला था। कुछ अकाउंट्स में सेटलमेंट के बाद पैसे कथित तौर पर रिश्वत के रूप में ट्रांसफर किए गए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया कि बैंक अधिकारियों ने जानबूझकर लोन को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित किया और फिर ओटीएस के जरिए कम रकम में लोन को माफ कर दिया। इस प्रक्रिया में अधिकारियों को कथित तौर पर मोटी रिश्वत मिली, जिसे किकबैक के रूप में देखा जा रहा है।

इस मामले में मुख्य आरोपियों में हीरेन भानु, गौरी भानु, सतीश चंदर, दमयंती सालुखे, हरिंदर पाल सिंह, मनोज कुमार पात्रा, सुकेत कुमार पटेल, अभिमन्यु भोन, न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के संबंधित संचालक, हार्मिस ग्रुप और परसेप्ट ग्रुप (नागपुर) के संचालक शामिल हैं। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है ताकि घोटाले के पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।

हीरेन भानु और गौरी भानु पहले से ही 122 करोड़ रुपये के गबन मामले में आरोपी हैं और उन्हें कोर्ट द्वारा प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित किया जा चुका है। उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है, लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। जांच अधिकारियों के अनुसार, हीरेन भानु का आखिरी लोकेशन दुबई में ट्रेस हुआ था, लेकिन अब संदेह है कि वे लंदन में हो सकते हैं, क्योंकि उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है। ईओडब्ल्यू अब उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है, ताकि उन्हें भारत लाया जा सके।

यह घोटाला बैंकिंग प्रणाली में विश्वास को हिलाने वाला है। ईओडब्ल्यू का कहना है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं, क्योंकि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है। पुलिस अब उन सभी अकाउंट्स और ट्रांजैक्शन्स की गहराई से जांच कर रही है, जो इस घोटाले से जुड़े हैं। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल हो सकता है।

Point of View

बल्कि यह हमें यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हमारे वित्तीय संस्थान सुरक्षित हैं। एक राष्ट्रीय संपादक के रूप में, मेरा मानना है कि हमें ऐसे मामलों की गहराई से जांच करनी चाहिए और दोषियों को सजा दिलानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसा न हो सके।
NationPress
20/06/2025

Frequently Asked Questions

न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक घोटाला क्या है?
न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक में 24.93 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है, जिसमें बैंक के अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
ईओडब्ल्यू क्या कर रही है?
ईओडब्ल्यू इस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि घोटाले के नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।
इस मामले में मुख्य आरोपी कौन हैं?
मुख्य आरोपियों में हीरेन भानु, गौरी भानु और अन्य बैंक अधिकारी शामिल हैं।
क्या हीरेन भानु की गिरफ्तारी हो चुकी है?
नहीं, हीरेन भानु अभी तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं, हालांकि उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है।
इस घोटाले के पीछे क्या कारण है?
यह घोटाला बैंक अधिकारियों द्वारा किकबैक और धोखाधड़ी के जरिए किया गया है।