क्या कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने केंद्र सरकार की जातिगत अधिसूचना पर सवाल उठाए?

सारांश
Key Takeaways
- पवन खेड़ा ने केंद्र की अधिसूचना पर सवाल उठाए हैं।
- तेलंगाना की अधिसूचना से की गई तुलना महत्वपूर्ण है।
- भाजपा ने कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है।
- जातिगत जनगणना दो चरणों में होगी।
- यह मुद्दा सियासी तपिश का कारण बना है।
नई दिल्ली, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा ने केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना से संबंधित जारी अधिसूचना पर प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने इस बारे में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा की है। इसके साथ ही, उन्होंने तेलंगाना सरकार द्वारा जारी जातिगत जनगणना की अधिसूचना को भी साझा कर, इसे केंद्र सरकार की अधिसूचना से तुलना की।
पवन खेड़ा ने कहा कि जब तेलंगाना की सरकार ने जातिगत जनगणना के लिए अधिसूचना जारी की थी, तब उसमें 'जाति' शब्द का उल्लेख तीन बार किया गया था। लेकिन, विडंबना यह है कि आज जब केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की है, तो उसमें एक बार भी 'जाति' शब्द का उपयोग नहीं किया गया।
कांग्रेस नेता ने यह पोस्ट केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना के संबंध में अधिसूचना जारी करने के बाद किया है। इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई है। सत्ताधारी और विपक्षी दल दोनों ही एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए इसे 'झूठ की फैक्ट्री' करार दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार देश को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। पूनावाला ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने हाल ही में झूठ फैलाया है कि आगामी जनगणना में जातिगत गणना नहीं होगी, जबकि भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि जाति आधारित जनगणना की जाएगी।
पूनावाला ने प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्तियों का हवाला देते हुए कहा कि 30 अप्रैल, 4 जून और 15 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठकों के बाद यह स्पष्ट किया गया था कि जनगणना में जाति गणना शामिल होगी। कांग्रेस का काम ही झूठ फैलाना है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने सोमवार को जातिगत जनगणना के संबंध में अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना में बताया गया है कि जातिगत जनगणना दो चरणों में संपन्न होगी।
नोटिफिकेशन के अनुसार, पहला चरण 1 अक्टूबर, 2026 से शुरू होगा, जिसमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड शामिल होंगे, जबकि दूसरा चरण 1 मार्च, 2027 से शुरू होगा।
अधिसूचना के अनुसार, जनगणना के लिए संदर्भ तारीख पूरे भारत के लिए 1 मार्च, 2027 को रात 12 बजे होगी, लेकिन लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फीले क्षेत्रों में यह तारीख 1 अक्टूबर, 2026 को रात 12 बजे होगी।